आज देश का 2021-22 का आम बजट पेश होने जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब 11 बजे अपना बजट भाषण शुरू करेंगी तो मौजूदा वक्त में किसान आंदोलन, आर्थिक मंदी, कोरोना संकट, चीन की चुनौती के चलते उनके कुछ विशेष मदों पर ज्यादा जोर देने की संभावना है. अभी सरकार देश की सेहत, शिक्षा, सड़क, पेयजल, रक्षा और किसानी पर कितना खर्च करती है, आइए जानतें हैं.
स्वास्थ्य पर खर्च
वित्त वर्ष 2020-21 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का बजट 67,112 करोड़ रुपये आवंटित किया था. इसमें प्रधानमंत्री सवास्थ्य सुरक्षा योजना और परिवार कल्याण योजनाओं के क्रमश: 6,020 और 600 करोड़ रुपये शामिल थे. कोरोना वैक्सीनेशन के चलते इस साल मंत्रालय का बजट बढ़ने की संभावना है.
शिक्षा पर व्यय
पिछले साल के बजट में सरकार ने मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के लिए 99,312 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया था. इसमें राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के 39,161 करोड़ रुपये का बजट भी है. कोरोना संकट के समय ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इसमें बढ़ोत्तरी संभव है.
ताकि रफ्तार बनी रहे
देश में सड़कों का जाल बिछाने और परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को बजट आवंटित किया जाता है. पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 91,823 करोड़ रुपये का बजट रखा था. इसके अलाव रेल मंत्रालय के लिए 72,216 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया था. देश में रोजगार को रफ्तार देने के लिए सरकार इनके बजट में बढ़ोत्तरी कर सकती है.
चीन की चुनौती
सीमाओं पर चीन के साथ हाल में तनाव बढ़ा है. ऐसे में इस साल रक्षा मंत्रालय का बजट बढ़ सकता है. पिछले साल सरकार ने 2020-21 के बजट में रक्षा मंत्रालय के लिए 4,71,378 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. वहीं देश की आंतरिक सुरक्षा और अर्द्धसैनिक बलों की जिम्मेदारी संभालने वाले गृह मंत्रालय के लिए 1,67,250 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया था.
हर घर जल
सरकार ने देश के हर ग्रामीण परिवार तक नल से स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए ‘‘जल जीवन मिशन’ की शुरुआत की है. पिछले साल बजट में सरकार ने इस मिशन के लिए 11,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. कोविड-19 महामारी में देश के सामने रोजगार का बड़ा संकट खड़ा हुआ है. ऐसे में बजट में ‘जल जीवन मिशन’ के लिए आवंटन बढ़ाया जा सकता है.