यूपीए-2 सरकार पहले ही महंगाई के लिए बदनाम हो चुकी है. अब नौ साल बाद रेल किराया बढ़ाए जाने से फिर उसकी साख पर बट्टा लगा है. सियासी गलियों में किराया बढ़ाए जाने की खूब आलोचना हो रही है.