अब 5 लाख रुपये सलाना आय पर देना होगा सिर्फ 5 फीसदी का टैक्स. वहीं वित्त मंत्री ने टैक्स छूट के लिए न्यूनतम आय की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है. इससे अब 3 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा.बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि लाभ की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लाभार्थियों के इस समूह को उपलब्ध छूट के मौजूदा लाभ को घटाकर 2500 रुपये किया जा रहा है, जो 3.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले करदाताओं के लिए ही उपलब्ध है. इन दोनों उपायों का संयुक्त प्रभाव यह होगा कि प्रति वर्ष 3 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए कर देनदारी शून्य होगी और 3 लाख रुपये से लेकर 3.5 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए कर देनदारी मात्र 2500 रुपये होगी.