नोटबंदी की तपस्या का फल, आयकर में रियायत, नई-नई सब्सिडी, ग्रोथ को खुराक, नए नौकरियां और भी न जाने क्या-क्या? बजट से उम्मीदों की फेहरिस्त कुछ ज्यादा ही लंबी नहीं हो गई है? ध्यान रखिये कि अगर उम्मीदें हैं तो आशंकायें भी पास ही छिपी होंगी. इसलिए उम्मीदों की उड़ान के साथ यह दुआ भी जरूरी है कि वित्त मंत्री भले ही कुछ न दें लेकिन ऐसा कुछ ना कर बैठें जिससे टैक्सों का बोझ और बढ़ जाए.नोटबंदी के बाद से वित्त मंत्रालय के गलियारों में एक्सपेंडीचर टैक्स पर चर्चा की आहटें सुनी गई हैं. सुझाव हैं कि आयकर में रियायत के बदलने 20 हजार रुपये से ऊपर के खर्च (मेडिकल खर्च को छोड़कर) पर एक फीसदी टैक्स लगा दिया जाए.
finance minister arun jaitley must not include these taxes in his budget