केंद्र की मोदी सरकार ने 2014 में कार्यभार संभाला तब देश वित्तीय घाटे को संभालने की कवायद में जुटा था. केन्द्र सरकार वैश्विक और घरेलू कारणों से अपने कार्यकाल के शुरुआत में इस घाटे पर लगाम लगने वाली बेहद सफल सरकार बनकर उभर रही थी. लेकिन जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद मोदी सरकार के कार्यकाल की सबसे बड़ी सफलता उसकी असफलता की दिशा में मुड़ गया. जहां कार्यकाल शुरू करते वक्त कच्चे तेल की गिरती कीमत और पेट्रोल-डीजल पर अधिक एक्साइड ड्यूटी के चलते सरकारी खजाना भर रहा था वहीं जीएसटी लागू होने के बाद इनडायरेक्ट टैक्स में कलेक्शन में सरकार को बड़ा झटका लगा और नतीजा सामने है कि कार्यकाल के अंतिम दो साल में वह वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पाने में विफल सरकार कही जाएगी.