भारतीय संविधान के मुताबिक केन्द्र सरकार पूरे एक साल के अलावा भी आंशिक समय के लिए संसद में अपना लेखा-जोखा पेश कर सकती है. देश में आम चुनाव के चलते केन्द्र सरकार चुनावी नतीजों तक बजटीय प्रावधान करने के लिए संसद में अंतरिम बजट पेश करती है. इस अंतरिम बजट को वोट ऑन अकाउंट की संज्ञा दी जाती है. अंतरिम बजट को लेखाअनुदान मांग और मिनी बजट भी कहते हैं. गौरतलब है कि मौजूदा सरकार अंतरिम बजट का सहारा इसलिए लेती है जिससे चुनावों के बाद चुन कर आने वाली नई सरकार अपनी स्वेच्छा से उस वित्त वर्ष का बजट संसद में दे सके. हालांकि अंतरिम बजट के मौके पर सत्तारूढ़ सरकार अपनी बजट स्पीच में चुनावी वादों को भी सुनाती है और नई सरकार के लिए अपनी तरफ से कुछ प्राथमिकताओं को भी इंगित करने का काम करती है.बजट पर ताज़ा अपडेट्स के लिए BUDGET लिखकर52424 पर SMS करें. एयरटेल, वोडाफ़ोनऔर आइडिया यूज़र्स. शर्तें लागू