बैंगलोर से यशवंतपुर जाने वाली ट्रेन में जिंदगी रेल के पायदान पर टिकी हुई है. बाहर से ये हाल है तो अंदर क्या मंजर होगा. समझना मुश्किल नहीं. ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा की बात सोचना भी बेमानी लगता है. रेल टिकट के पैसे बढ़ाती है, सुरक्षा के बड़े बड़े दावे भी करती है. लेकिन सच्चाई कुछ और ही नजर आ रही है.