इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट (Income Tax Department) जल्द ही ऐसे लोगों को नोटिस भेजेगा, जिन्होंने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है. बिजनेस टुडे के मुताबिक, इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटिस (Tax Notice) ऐसे लोगों को भी भेजा जाएगा, जिनके सोर्स पर टैक्स काटा गया है. इसका मतलब है कि TDS कटा है, लेकिन आईटीआर नहीं भरा गया है तो नोटिस आ सकता है.
सेंट्रल डायरेक्ट टैक्स बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा कि विभाग केवल उन्हीं करदाताओं को नोटिस भेजेगा जिनके बारे में उसके पास निश्चित जानकारी है. उन्होंने कहा कि आयकर विभाग (Income Tax Department) का फोकस रिफंड का समय कम करने से लेकर रिटर्न अपडेट करने या बड़े टैक्स विवाद को सुलझाने पर है. साथ ही विभाग टैक्सपेयर्स के लिए सर्विस (Taxpayers Service) में सुधार करना चाहता है.
टैक्स से जुड़े विवाद सुलझा रहा मैनेजमेंट सेंटर
CBDT के चेयरमैन ने कहा कि CBDT ने मैसूरु में एक डिमांड मैनेजमेंट सेंटर स्थापित किया है, जो 1 करोड़ रुपये से अधिक के टैक्स विवादों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर्स इसके तहत इन टैक्स विवादों को सॉल्व करने के लिए सीए और अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं. गुप्ता ने कहा कि पहले सिर्फ कर्नाक विवाद तक की सीमित था, लेकिन अब वह पूरे भारत के मामले का सॉल्व कर रहा है.
बजट में बकाया टैक्स पर मिला छूट
अंतरिम बजट 2024 (Interim Budget 2024) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 25,000 रुपये तक की बकाया टैक्स डिमांड (Tax Demand) वापस लेने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में छोटी, गैर-सत्यापित, गैर-समाधान या विवादित डायरेक्ट टैक्स की मांग थीं, उनमें से कई साल 1962 से पहले की थीं. यह रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जिससे ईमानदार टैक्सपेयर्स को रिफंड को लेकर समस्या आई है.
वित्त मंत्री ने क्या किया था ऐलान
अंतरिम बजट में निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए 25,000 रुपये तक और वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 के लिए 10,000 रुपये तक की बकाया डायरेक्ट टैक्स डिमांड को वापस लेने का प्रस्ताव करती हूं. इससे लगभग एक करोड़ करदाताओं को लाभ होने की उम्मीद है.