scorecardresearch
 
Advertisement
बिज़नेस न्यूज़

अनिल अंबानी के खिलाफ बैंक और वित्तीय संस्थान सख्त, दावा- ग्रुप पर देनदारी 86000 करोड़!

बैंकों के बकाये को लेकर खींचतान
  • 1/6

अनिल अंबानी के ग्रुप और बैंकों के बीच बकाया लोन को लेकर गतिरोध का मामला सामने आया है. अनिल अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस का कहना है कि ग्रुप पर भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों के करीब 26,000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. जबकि बैंकों, वेंडरों और अन्य कर्जदाताओं ने दावा किया है कि करीब 86,000 करोड़ रुपये का बकाया है. फिलहाल अनिल अंबानी की यह कंपनी दिवाला प्रक्रिया में है. (Photo: File)

अनिल अंबानी की कंपनियों पर  86,000 करोड़ के बकाये का दावा
  • 2/6

आरकॉम ने एक बयान में कहा, 'लेंडर्स की तरफ से नियुक्त समाधान पेशेवर ने जो आंकड़े सत्यापित किए हैं, उसके मुताबिक NCLT के पास यह मामला भेजे जाने की तारीख तक आरकॉम समूह पर भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों का कुल 26,000 करोड़ रुपये का बकाया था. लेकिन अब लेंडर्स की ओर से NCLT में दावा किया गया है कि आरकॉम पर करीब 49,000 करोड़ रुपये, रिलायंस टेलीकॉम पर 24,000 करोड़ रुपये और रिलायंस इन्फ्राटेल पर 12,600 करोड़ रुपये का बकाया है. (Photo: File)

तीन कंपनियों पर बकाया
  • 3/6

इस विवाद से बाद अब बैंक अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस ग्रुप इकाइयां, जिनमें रिलायंस कम्यूनिकेशन, रिलायंस इंफ्राटेल और रिलायंस टेलीकॉम शामिल हैं, पर कानून कार्रवाई की तैयारी में है. (Photo: File)
 

Advertisement
फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट में है मामला
  • 4/6

फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट में है मामला
आरकॉम का कहना है कि कुछ बैंकों द्वारा कथित रूप से जो ग्रुप पर 'धोखाधड़ी' का आरोप लगाया गया है. वह पूरी तरह से अनुचित है और दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश के जरिये इसे कुछ समय तक रोकने का निर्देश दिया है. अब यह मामला अदालत में है. (Photo: File)

बैंक चाहते हैं कि कंपनी अकाउंट्स की जांच हो
  • 5/6

बैंक चाहते हैं कि कंपनी अकाउंट्स की जांच हो
अब भारतीय बैंक चाहते हैं कि दिवालिया प्रक्रिया (बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रोसेस) के तहत कंपनी की जांच की जानी चाहिए. अनिल अंबानी भले ही ये कहें कि उनकी नेट वर्थ जीरो है, लेकिन भारतीय बैंक इसे खरीद नहीं रहे हैं. (Photo: File)

टेलिकॉम सेक्टर में प्रतियोगिता
  • 6/6

गौरतलब है कि साल 2016 में जियो की एंट्री से छोटी टेलिकॉम कंपनियों के कारोबार पर सबसे ज्यादा असर पड़ा. क्योंकि जियो ने अनलिमिटेड डाटा और वॉयस कॉल के ऑफर्स से ग्राहकों को अपनी ओर खींच लिया. जियो की एंट्री के बाद से टेलिकॉम सेक्टर में प्रतियोगिता तेजी से बढ़ी है. जिससे आरकॉम, एयरसेल, वीडियोकॉन और टाटा डोकोमो जैसी कंपनियां रेस में पिछड़ गईं. (Photo: File)

Advertisement
Advertisement