सपनों को पंख देने के लिए शिक्षा जरूरी है. हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए अपनी जमापूंजी उसपर खर्च कर देते हैं. लेकिन शिक्षा दिनो-दिन महंगा होती जा रही है. ऐसे में हायर एजुकेशन के लिए माता-पिता की सेविंग कम पड़ जाती है, और फिर सामने होता है एजुकेशन लोन का विकल्प. (Photo: Getty Images)
अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, तो ऐसी स्थिति में आप अपने बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए लोन ले सकते हैं. पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने एजुकेशन लोन का दायरा बढ़ाने के लिए इसकी प्रक्रिया को और आसान कर दिया है. ताकि पैसों के अभाव में बच्चों की पढ़ाई नहीं रुके. आज हम आपको एजुकेशन लोन से जुड़ी बेसिक चीजें बताने जा रहे हैं. (Photo: Getty Images)
1. किसे मिलेगा एजुकेशन लोन: एजुकेशन लोन छात्र के नाम पर दिया जाता है. लेकिन आवेदक में माता-पिता या फिर अभिभावक का भी नाम होता है. आवेदन करने वाला भारतीय नागरिक होना जरूरी है. भारत में पढ़ाई या उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्र लोन ले सकते हैं. (Photo: Getty Images)
2. कैसे मिलता है एजुकेशन लोन: कोर्स के प्रकार, शिक्षण संस्थान और उधारकर्ता की एलिजिबिलिटी के आधार पर लोन राशि की सीमा तय की जाती है. घरेलू कोर्स के लिए 50 लाख रुपये तक और विदेश में पढ़ाई के लिए एक करोड़ रुपये तक का लोन मिलता है. (Photo: Getty Images)
3. कितना मिलेगा लोन: देश में पढ़ाई के लिए 4 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन पर किसी प्रकार की सिक्योरिटी जमा कराने की जरूरत नहीं होती है. यानी बिना गारंटी 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन मिल जाता है. अगर आप 4 से 6.5 लाख रुपये के बीच एजुकेशन लोन लेते हैं तो इसके लिए किसी तीसरे व्यक्ति को गारंटर बनाना होगा. अगर आप 6.5 लाख रुपये से ज्यादा का एजुकेशन लोन ले रहे हैं तो आपको कोई संपत्ति बंधक रखनी पड़ सकती है. (Photo: Getty Images)
4. किस कोर्स के लिए मिलता है लोन?
लोन लेकर फुल टाइम, पार्ट टाइम या वोकेशनल कोर्स कर सकते हैं. इसके अलावा इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल, होटल मैनेजमेंट और आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए लोन लिया जा सकता है. हर तरह के प्रोफेशनल कोर्स के लिए आसानी से एजुकेशन लोन मिल जाता है. (Photo: Getty Images)
5. एजुकेशन लोन पर ब्याज दर: पर्सनल लोन की तुलना में एजुकेशन लोन बेहद सस्ता होता है. हालांकि कोर्स और शिक्षा संस्थानों के आधार पर बैंक ब्याज दर निर्धारित करता है. आमतौर पर यह 7-12 फीसद के बीच होता है. आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों में दाखिले के लिए बेहद कम ब्याज पर एजुकेशन लोन मिल जाता है. (Photo: Getty Images)
6. लोन के लिए दस्तावेज: उच्च शिक्षा के लिए भारत या विदेश में किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन तय हो चुका हो. आवेदक 12वीं की परीक्षा पास कर चुका हो. लोन एप्रूवल के दौरान बैंक आवदेक से संस्थान का एडमिशन लेटर, फीस स्ट्रक्चर, अभिभावक की सैलरी स्लिप और आयकर रिटर्न (आईटीआर) की कॉपी मांग सकता है. (Photo: Getty Images)
7. एजुकेशन लोन का रीपेमेंट: आमतौर पर कोर्स खत्म होने के 6 महीने बाद रीपेमेंट शुरू हो जाता है. लेकिन जॉब नहीं मिलने की स्थिति में बैंक रीपेमेंट के लिए एक साल तक वक्त दे देता है. पांच से सात साल में एजुकेशन लोन चुकाना होता है, कई बार बैंक इसे आगे बढ़ा सकते हैं. (Photo: Getty Images)
7. एजुकेशन लोन से जुड़ी सरकारी वेबसाइट: छात्रों की पढ़ाई के बीच आने वाली पैसों की दिक्कत को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना लॉन्च की है. इस योजना की वेबसाइ़ट पर छात्रों के लिए बैंकों के शिक्षा लोन एवं अन्य स्कीम से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध है. इसके अलावा वो लोन के लिए अलग अलग बैंकों के चक्कर लगाने से भी बच सकते हैं. (Photo: Getty Images)