कोरोना की दूसरी लहर के कहर से अर्थव्यवस्था के तमाम सेक्टर्स धीरे-धीरे उबर रहे हैं. दूसरी तिमाही में जोर का झटका खाने वाले रियल एस्टेट ने भी आने वाले दिनों में तेज छलांग लगाने के संकेत दिए हैं. नाइट फ्रैंक, फिक्की और नारेडको के एक साझा सर्वे में ये दावा किया गया है. (Photo: Getty Images)
कोरोना की दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर सीमित असर देखने को मिला है. लेकिन रियल एस्टेट के मामले में ये काफी बड़ी गिरावट की वजह रहा. नाइट फ्रैंक-फिक्की-नारेडको के रियल एस्टेट सेंटीमेंट इंडेक्स में ये खुलासा हुआ है.
इस सर्वे के मुताबिक करंट सेंटीमेंट स्कोर जनवरी-मार्च तिमाही के मुकाबले 57 से घटकर 35 पर आ गया. हालांकि ये अप्रैल-जून 2020 के ऑल टाइम लो 22 से काफी बेहतर स्थिति में आ गया है.
जानकारों का मानना है कि घरों को खरीदने में सेंटीमेंट्स का बड़ा रोल होता है. दूसरी लहर ने जिस तरह से कहर बरपाया था, उसमें ग्राहकों के सेंटीमेंट्स का कमजोर होना लाजिमी था. ऐसे में करंट सेंटीमेंट स्कोर का घटना कोई हैरत की बात नहीं है.
इस सर्वे में सबसे दिलचस्प और जो गुड न्यूज उभरकर जो सामने आई है वो ये है कि इकोनॉमी के ज्यादातर सेक्टर्स की तरह रियल एस्टेट भी अब रिकवरी की राह पर चल पड़ा है. कोविड की दूसरी लहर के बावजूद अप्रैल-जून तिमाही में रियल एस्टेट सेक्टर का फ्यूचर सेंटीमेंट, यानी अगले छह महीने का अनुमान पॉजिटिव बना हुआ है. (Photo: File)
इस सर्वे में रियल एस्टेट डेवलपर्स, बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और पीई फंड शामिल हैं. अप्रैल-जून तिमाही में फ्यूचर सेंटीमेंट स्कोर 56 रहा है, यानी जनवरी-मार्च के 57 से महज 1 अंक कम है. बता दें, 50 स्कोर को 'न्यूट्रल' माना जाता है, 50 से ज्यादा का स्कोर 'उम्मीद भरा' और 50 से कम निराशावादी माहौल का संकेत देता है. (Photo: Getty Images)
इस सर्वे के नतीजे साफ संकेत देते हैं कि रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े सभी प्लेयर्स को अगले 6 महीनों में घरों की बिक्री और लॉन्च में बढ़ोतरी का भरोसा है. रियल एस्टेट सेक्टर के फ्यूचर सेंटीमेंट को जोन के हिसाब से पश्चिमी क्षेत्र में सबसे ज्यादा रिकवरी हुई.