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बिज़नेस न्यूज़

2022 तक सबको घर का पीएम मोदी का था वादा, डेडलाइन करीब लेकिन टारगेट अभी दूर!

2022 तक सबको घर का टारगेट मुश्किल
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मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में 2022 तक सबको घर मुहैया कराने का टारगेट भी शामिल है. 2015 में तय किए गए 5 करोड़ घरों के लक्ष्य को घटाने के बावजूद ये लक्ष्य हासिल करना एक बड़ी चुनौती बन गया है. रिसर्च एजेंसी ICRA का दावा है कि मौजूदा रफ्तार के दम पर ये मिशन अगले साल तक पूरा नहीं होगा. (Photo: Getty Images)

सबको घर देने का वादा
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मोदी सरकार की कई महत्वकांक्षी योजनाओं के पूरा होने का टारगेट 2022 है. किसानों की आय दोगुनी करना हो या फिर सबका घर का सपना पूरा करने का लक्ष्य हो सबका साल एक ही है. आजादी का 75वां साल यानी 2022, लेकिन 2022 में सबको घर मुहैया कराने का ये टारगेट पूरा होता नजर नहीं आ रहा है. वो भी तब जबकि सरकार 2015 के असल लक्ष्य के मुकाबले घरों की संख्या को काफी कम कर चुकी है. 

अब डेढ़ साल में लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल
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दरअसल, सरकार ने हाउसिंग फॉर ऑल का टारगेट 2015 में तय किया था. इसके मुताबिक 2022 तक देशभर में 5 करोड़ घर बनाए जाने थे. इनमें से 3 करोड़ ग्रामीण इलाकों में और 2 करोड़ शहरी क्षेत्रों में बनने थे. (Photo: Getty Images)
 

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 कंस्ट्रक्शन की धीमी गति
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लेकिन बाद में कंस्ट्रक्शन की धीमी गति को देखते हुए सरकार ने ग्रामीण इलाकों में 2 करोड़ 14 लाख और शहरों में 1 करोड़ 12 लाख घर बनाने का नया लक्ष्य तय किया गया. लेकिन इस नए लक्ष्य पर भी कोरोना भारी पड़ गया है. (Photo: Getty Images)
 

ICRA की रिपोर्ट में दावा
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ICRA की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि टारगेट खत्म होने के डेढ़ साल पहले तक PMAY ग्रामीण में 1 करोड़ 95 लाख से ज्यादा घर मंजूर हुए हैं और 1 करोड़ 41 लाख से ज्यादा घर बन चुके हैं. यानी नए लक्ष्य में से 67 फीसदी घर बन गए हैं, जबकि मंजूरी किए गए घर नए लक्ष्य का 72 फीसदी है. (Photo: Getty Images)
 

शहरों में अब तक 48 लाख घर तैयार
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इसी तरह PMAY अर्बन में मंजूरी तो सभी घरों को मिल गई है. लेकिन बने महज 48 लाख हैं जो कुल टारगेट का 43 फीसदी है. यानी सरकार ने दोबारा समीक्षा कर 2022 तक 3 करोड़ 26 लाख घर बनाने का लक्ष्य रखा है, जबकि अभी तक 2 करोड़ 43 लाख घर बन पाए हैं. यानी संशोधित लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अगले डेढ़ में 83 लाख घर बनाने होंगे. (Photo: Getty Images)

सबका हो अपना घर
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इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में जिनके पास रहने के लिए पक्का घर नहीं है या वह बेघर है, उन्हें सरकार द्वारा पक्के घर की सुविधा उपलब्ध कराना है. इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार का लक्ष्य वर्ष 2022 तक प्रत्येक पात्र परिवार को स्वंय का घर उपलब्ध कराना है. मोदी सरकार ने बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री आवास योजना पर 27,500 करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया है. (Photo: File)

बजट की तंगी
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घरों के बनने की स्पीड में कमी आने की वजह पैसों की कमी भी रही है. क्योंकि कोविड-19 की वजह से सरकार को आर्थिक मोर्चे पर तगड़ा झटका लगा है. हालांकि अब धीरे-धीरे इकोनॉमी में सुधार आ रही है. (Photo: Getty Images)

(रिपोर्ट: आदित्य के राणा)

 

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