केंद्र सरकार पिछले कुछ समय से निर्यात को बढ़ावा देने पर काफी जोर दे रही है. देश को आत्मनिर्भर बनाने से लेकर अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार प्रदान करने के लिए निर्यात का बढ़ना जरूरी है. सरकार के प्रयासों को सफलता भी मिल रही है और लगातार भारत का निर्यात बढ़ रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के दौरान दुनिया को 422.2 बिलियन डॉलर के सामानों व सेवाओं का निर्यात किया. यह किसी भी एक फाइनेंशियल ईयर में भारत का अब तक का सबसे ज्यादा निर्यात है. कई सेक्टर्स में शानदार घरेलू विनिर्माण ने निर्यात का यह रिकॉर्ड आंकड़ा हासिल करने में मदद की है. (Photo: Reuters)
सीएमआईई इकोनॉमिक आउटलुक के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने इस दौरान सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग से संबंधित सामानों का निर्यात किया. इंजीनियरिंग गुड्स सेक्टर ने भारत के निर्यात में पिछले फाइनेंशियल ईयर के दौरान 69.8 बिलियन डॉलर का योगदान दिया. इसके बाद 67.6 बिलियन डॉलर के निर्यात के साथ रिफाइंड पेट्रोलियम व क्रूड प्रोडक्ट का स्थान रहा. भारत के निर्यात में इस दौरान केमिकल्स व इससे जुड़े उत्पादों ने 57.3 बिलियन डॉलर का, कृषि व इससे संबंधित उत्पादों ने 49.7 बिलियन डॉलर और टैक्सटाइल सेक्टर ने 39.8 बिलियन डॉलर का योगदान दिया.
साल भर पहले की तुलना में भारत का निर्यात 45.10 फीसदी बढ़ा. फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के दौरान भारत ने 291 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था. ताजा आंकड़ों को देखें तो भारत के निर्यात के में उत्साहजनक ट्रेंड बना हुआ है. मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के पहले तीन महीनों के दौरान ही भारत ने 121.1 बिलियन डॉलर का निर्यात कर दिया है. यह मार्च 2022 की तिमाही में जून तिमाही के दौरान निर्यात में आई 3.6 फीसदी की तेजी है. मार्च 2022 तिमाही में भारत ने 117 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था. अगर ऐसा ही ट्रेंड बना रहा तो भारत 2022-23 के दौरान 500 बिलियन डॉलर के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल कर सकता है.
भारत के ट्रेडिंग पार्टनर्स की बात करें तो अमेरिका ने लंबे समय से टॉप पर काबिज चीन को पीछे छोड़ दिया है. भारत के लिए अमेरिका निर्यात का सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरा है. पिछले फाइनेंशियल ईयर के दौरान भारत ने अमेरिका को 76.2 बिलियन डॉलर का निर्यात किया. यह भारत के कुल निर्यात के 18 फीसदी के बराबर है. दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी वाले देश अमेरिका को भारत ने इस दौरान सबसे ज्यादा 16.2 बिलियन डॉलर के इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात किया. इसके अलावा अमेरिका को 11.9 बिलियन डॉलर की दवाओं व अन्य केमिकल्स का निर्यात किया गया.
खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात भी भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक है. यह खाड़ी देश भारतीय सामानों के लिए बड़ा बाजार भी है. पिछले फाइनेंशियल ईयर के दौरान संयुक्त अरब अमीरात भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा निर्यात डेस्टिनेशन रहा. भारत ने इस देश को 28.1 बिलियन डॉलर का निर्यात किया, जो भारत के कुल निर्यात के 6.7 फीसदी के बराबर था. यूएई को भारतीय निर्यात 2020-21 की तुलना में 2021-22 में 69 फीसदी बढ़ा. यूएई को किए गए निर्यात में 5.7 बिलियन डॉलर के साथ पेट्रोलियम उत्पाद पहले स्थान पर रहे. इसके बाद 5.5 बिलियन डॉलर के साथ इंजीनियरिंग सामानों, 4.9 बिलियन डॉलर के साथ हीरे-जवाहरात का स्थान रहा.
कभी भारतीय सामानों के लिए निर्यात का सबसे बड़ा बाजार रहा चीन अब तीसरे स्थान पर खिसक चुका है. पिछले फाइनेंशियल ईयर के दौरान भारत ने चीन को 21.2 बिलियन डॉलर का निर्यात किया. यह भारत के कुल निर्यात के 5 फीसदी के बराबर था. भारत ने चीन को इस दौरान 5.4 बिलियन डॉलर के इंजीनियरिंग सामानों, 3.8 बिलियन डॉलर के कृषि उत्पादों और 2.9 बिलियन डॉलर के केमिकल्स व इससे जुड़े उत्पादों का निर्यात किया.
पड़ोसी देश बांग्लादेश भारत से कई चीजों का निर्यात करता है. बांग्लादेश चावल से लेकर गेहूं जैसे अनाजों के लिए भारत पर काफी निर्भर करता है. इस कारण 2021-22 के दौरान भारतीय सामानों का निर्यात करने के मामले में बांग्लादेश चौथे पायदान पर रहा. इस दौरान भारत ने बांग्लादेश को 16.1 बिलियन डॉलर का निर्यात किया, जो भारत के कुल निर्यात के 3.8 फीसदी के बराबर था. भारत ने इस देश को सबसे ज्यादा 5.5 बिलियन डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया. इसके बाद 3.5 बिलियन डॉलर के टेक्सटाइल्स व रेडीमेड परिधानों और 2.8 बिलियन डॉलर के इंजीनियरिंग सामानों का स्थान रहा.
यूरोप के कई देशों के साथ भारत का व्यापारिक संबंध प्रगाढ़ हो रहा है. इस कारण नीदरलैंड भारत के लिए टॉप एक्सपोर्ट डेस्टिनेंशंस में एक बनकर उभरा है और पिछले फाइनेंशियल ईयर के दौरान 5वें स्थान पर रहा. भारत ने इस देश को 12.6 बिलियन डॉलर का निर्यात किया, जो कुल निर्यात के 3 फीसदी के बराबर था. भारत ने नीदरलैंड को 5.3 बिलियन डॉलर के पेट्रोलियम उत्पादों, 1.8 बिलियन डॉलर के इंजीनियरिंग उत्पादों और 1.8 बिलियन डॉलर के केमिकल्स व अन्य उत्पादों का निर्यात किया.