दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं (World's Economy) पर मंदी के बढ़ते खतरे के बीच अमेरिका से चीन तक कंपनियों में जो छंटनी (Layoff) का सिलसिला शुरू हुआ था, वो अभी तक जारी है. मेटा (Facebook)-ट्विटर (Twitter) और अमेजन (Amazon) जैसी कंपनियों ने अपने वर्क फोर्स में भारी कटौती की है. ट्विटर तो एक बार फिर से छंटनी की तैयारी में है. वहीं इन कंपनियों की लिस्ट में अब नया नाम Microsoft का जुड़ गया है. टेक दिग्गज ने वैश्विक स्तर पर अपने 10,000 कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया है. वहीं Swiggy ने भी सैकड़ों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.आइए नजर डालते हैं ऐसी ही कुछ बड़ी कंपनियों के बारे में जिनमें छंटनी की तलवार चली है...
Microsoft
टेक दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने वैश्विक स्तर पर 10,000 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है. ये आंकड़ा कंपनी की कुल वर्क फोर्स का करीब 5 फीसदी है. रेग्युलेटरी फाइलिंग में शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, व्यापक आर्थिक स्थितियों को इस छंटनी की वजह बताया गया है. कंपनी के सीईओ भारतवंशी सत्या नाडेला ने कर्मचारियों को भेजे एक नोट में कहा कि यह छंटनी मार्च के अंत तक की जाएगी. माइक्रोसॉफ्ट में करीब 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं.
Amazon
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) ने साल 2023 की शुरुआत में ही अपने कर्मचारियों को एक बड़ा झटका देते हुए हजारों की छंटनी (Amazon Layoff) का ऐलान कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, इस लिस्ट में शामिल लोगों को नौकरी से निकालने का सिलसिला 18 जनवरी से शुरू हो चुका है. इस बीच निकाले गए कई कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर अपनी परेशानी शेयर की है. पिछले दिनों बिजनेस टुडे पर छपी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन रिटेलर Amazon ने वैश्विक स्तर पर 18,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी का प्लान बनाया था.
Twitter
ट्विटर की कमान एलन मस्क के हाथों में आने के बाद इसमें बड़े पैमाने पर छंटनी की तलवार चलाई गई. सीनियर लेवल से लेकर जूनियर लेवल तक के अधिकारी और कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. ट्विटर हेडक्वार्टर में मस्क की एंट्री होते ही एक झटके में कंपनी के करीब 50 फीसदी एंप्लाई निकाल दिए गए. इसके बाद कंपनी में काम करने वाले लोगों का आंकड़ा 7,500 से घटकर 3,500 रह गया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अब फिर से एलन मस्क एक्शन में नजर आ रहे हैं और सोशल मीडिया साइट से 50 कर्मचारियों को निकालने की योजना बनाई गई है.
Facebook (Meta)
फेसबुक की पैरेंट कंपनी Meta ने भी बीते साल मंदी (Recession) का हवाला देते हुए कॉस्ट कटिंग के नाम पर छंटनी की ऐसी तलवार चलाई थी, कि 11000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. 18 साल में ये पहली बार था जब कंपनी ने इसतने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था. इस छंटनी के पहले के आंकड़ों को देखें तो कंपनी में करीब 87,000 कर्मचारी काम कर रहे थे, जिनमें से लगभग 13 फीसदी एंप्लाई की छंटनी कर दी गई.
Alibaba
मंदी (Recession) के साये में बड़ी कंपनियों में जो छंटनी का सिलसिला शुरू हुआ, वो अमेरिका (US) से लेकर चीन (China) जारी है. बीते साल 2022 में ही चीन के बड़े नाम अलीबाबा (Alibaba) ने अपने 9,241 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. इंडिया टुडे पर उस समय प्रकाशिक एक रिपोर्ट में साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के हवाले से बताया गया था कि इस छंटनी (Alibaba Layoff) के बाद अलीबाबा में कुल कर्मचारियों की संख्या लगभग 2,45,700 रह गई.
भारत में दिखाई दिया असर
छंटनी का दौर सिर्फ अमेरिका, चीन जैसे देशों में ही जारी नहीं रहा, बल्कि भारत में भी इसका असर दिखाई दिया. एडटेक दिग्गज कंपनियों (Edtech Companies) धड़ाधड़ छंटनी देखने को मिली. इस सेक्टर में बड़ा नाम Byju's ने एक झटके में 1,100 से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाल दिया. वहीं Unacademy, Vedantu, Lido, Frontrow, Lido जैसी स्टार्टप एडुटेक कंपनियां भी हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है.
भारत की तीसरी सबसे बड़ी सॉप्टवेयर कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies) ने वैश्विक स्तर पर बड़ी छंटनी करते हुए 350 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया दिया. वहीं Cars24 नाम की ई-कॉमर्स कंपनी ने 600 एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाल दिया है. कंपनी ने पहले मई 2022 अपने 200 कर्मचारियों को और फिर कुछ समय बाद 424 दूसरे कर्मचारियों की छंटनी कर दी.
बिजनेस टुडे के मुताबिक, ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Swiggy ने अपने 380 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. गुरुवार को आई रिपोर्ट में भी कहा गया था कि कंपनी ने अपने वर्क फोर्स में 8-10 फीसदी कटौती का प्लान तैयार कर लिया है. इस हिसाब से कंपनी करीब 6,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएगी.