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बिज़नेस न्यूज़

घर में बिस्किट बनाने से लेकर IPO तक का सफर, मिसेज रजनी बेक्टर्स को पद्म सम्मान

रजनी बेक्टर्स को पद्मश्री देने का ऐलान
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कभी घर में बिस्किट बनाने से कारोबार की शुरुआत कर 550 करोड़ रुपये के आईपीओ लॉन्च करने वाली कंपनी की मालकिन तक का मुकाम हासिल करने वाली मिसेज रजनी बेक्टर्स को सरकार ने भी सम्मानित किया है. उन्हें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पद्मश्री देने का ऐलान किया गया है. 

उनकी कंपनी 550 करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर आई
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मिसेज रजनी ​बेक्टर्स की कहानी प्रेरणादायी है. वह देश के बंटवारे के समय 1948 में भारत आईं. बेकरी में रुचि होने की वजह से बिस्किट का कारोबार शुरू किया. पिछले साल उनकी कंपनी 550 करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर आई. 

बंटवारे के समय वे पाकिस्तान से भारत आ गईं
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रजनी बेक्टर का जन्म 1940 में अविभाजित भारत के कराची शहर में हुआ था, लेकिन बाद में उनकी पढ़ाई लिखाई लाहौर में हुई. बंटवारे के समय वे अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भारत आ गईं. 

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घर में बिस्किट बनाना शुरू किया
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उनका परिवार दिल्ली में सेटल हो गया. उन्होंने दिल्ली में ग्रेजुएशन किया और उनकी शादी लुधियाना के एक कारोबारी के यहां हो गई. वहीं 1978 में उन्होंने अपने घर में बिस्किट बनाना शुरू किया और बाद में आइसक्रीम का भी कारोबार शुरू किया.

शौक को कारोबार में बदला
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मिसेज रजनी बेक्टर को बेकिंग बहुत पसंद था. शादी के वर्षों बाद उन्होंने 1978 में अपने शौक को कारोबार में बदलते हुए शुरुआत की. आज उनकी कंपनी 'मिसेज बेक्टर्स' और 'क्रीमिका' ग्रुप के बिस्किट, ब्रेड और आइसक्रीम लोकप्रिय हो गये हैं.

अब 50 देशों तक होता है निर्यात
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आज उनकी क्रीमिका ग्रुप के उत्पाद अफ्रीका, अमेरिका, ब्रिटेन, मध्य-पूर्व सहित करीब 50 देशों में निर्यात किये जाते हैं. इसका कारोबार करीब 700 करोड़ रुपये का हो गया है. आज क्रीमिका साल में करीब 1.34 लाख टन बिस्किट और कुकीज का उत्पादन करती है. (कुछ तस्वीरें cremica की वेबसाइट से साभार)

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