भारत विश्व में ईंधन की खपत करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान का कहना है कि देश में जिस तेजी से प्रति व्यक्ति ईंधन की खपत बढ़ रही है. उससे भारत जल्द ही टॉप पर पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि स्वच्छ, हरित और स्थाई स्रोतों से भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताएं पूरी की जाएंगी. (Photo: File)
पेट्रोलियम मंत्री की मानें तो ऊर्जा आवश्यकताएं पूरी करने के लिए लगातार रिसर्च और नये कदम उठाने की जरूरत है. इस दिशा में पीएमयूवाई, इथनॉल मिश्रण, कमप्रेस्ड बायोगैस, बायो डीजल, कोयला से सिंथेसिस गैस और एलएनजी को प्राथमिकता ईंधन के रूप में प्रोत्साहित करने की जरूरत है. (Photo: File)
उन्होंने कहा कि हमारा उद्योग न केवल ऊर्जा की उपलब्धता के लिए तैयार है, बल्कि गुणवत्ता संपन्न ऊर्जा के लिए तैयार है. ऊर्जा सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का उत्प्रेरक है. ईंधन और लुंब्रिकेंट पर कार्यक्रम में धमेंद्र प्रधान ने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र में कई मिलियन डॉलर के निवेश से रोजगार के अवसर पैदा होंगे. (Photo: File)
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के डबल डिजिट विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसलिए इस सेक्टर पर सरकार का खास फोकस है. भारत सरकार ने ईंधन पर विदेशी निर्भरता को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस सेक्टर में निवेश को बढ़ाया गया है. (Photo: File)
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें अप्रैल, 2020 के मुकाबले इस वर्ष मार्च में तीन गुना से भी ज्यादा हो गई हैं. ऐसे में आयातित क्रूड यानी कच्चे तेल पर निर्भरता को कम करने के प्रयासों को लेकर चर्चा जोरों पर है. क्योंकि पिछले तीन वर्षो में ही क्रूड के घरेलू उत्पादन में 10 फीसद की गिरावट हुई है. (Photo: File)
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में क्रूड उत्पादन वर्ष 2011-12 में 3.81 करोड़ टन था, जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर था. लेकिन उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट का ही रुख बना हुआ है. इसके चलते आयातित क्रूड की मात्रा लगातार बढ़ रही है. अप्रैल, 2020 से फरवरी, 2021 के बीच देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कुल खपत 17.5 करोड़ टन रही है. (Photo: File)