कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया है, कुछ सेक्टर्स ने चंद महीनों में ही शानदार तरीके सरकार की इस मुहिम को आगे बढ़ाया है. मेथनॉल के उत्पादन में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. जिसमें राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड कंपनी (RCF) बड़ी भूमिका निभा रही है.
RCF रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है, जिसने 8 सितंबर से मुम्बई स्थित ट्रॉम्बे यूनिट में मेथनॉल का प्रोडक्श शुरू कर दिया है. यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में बढ़ाया गया कदम है. आरसीएफ की हर रोज 242 मैट्रिक टन मेथनॉल उत्पादन करने की क्षमता है.
दरअसल अभी तक आरसीएफ अपनी आंतरिक खपत और व्यापारिक उद्देश्यों के लिए मेथनॉल का आयात करता रहा है. लेकिन कोरोना संकट के बीच मेथनॉल का उत्पादन शुरू करने से अब आरसीएफ अपनी खपत के लिए आयात पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि यह अन्य मेथनॉल आधारित उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने की स्थिति में भी होगा.
मुंबई के इस प्लांट के शुरू होने से आरसीएफ ने देश में मेथनॉल उत्पादकों की चयन सूची में प्रवेश किया है. मेथनॉल फॉर्मास्यूटिकल्स, कीटनाशक, डाइस्टफ आदि के उत्पादन में व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है. देश में उत्पादन सीमित होने से मेथनॉल की जरूरत को अभी तक आयात से पूरा किया जा रहा था.
उर्वरकों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को सहयोग करने के प्रयास में आरसीएफ ने अपने लोकप्रिय उर्वरक सुफला के 15:15:15 प्रतिशत उत्पादन में जबरदस्त बढ़ोतरी की है. अब उत्पादन 1500 मैट्रिक टन प्रतिदिन से बढ़कर 2200 मैट्रिक टन हर रोज हो गया है. सुफला के उत्पादन में अगस्त 2019 की तुलना में अगस्त 2020 के महीने में 17.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है.