रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की नींव रखने वाले धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) अपने दृढ-संकल्प के बूते भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति बनकर उभरे थे. आज धीरूभाई के दोनों बेटे मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और अनिल अंबानी (Anil Ambani) उनके कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं. महज 10वीं तक पढ़ाई करने वाले धीरूभाई अंबानी भीड़ से हटकर सोचने वाले व्यक्ति थे और यही सोच उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश में भी अपनाई थी. आज धीरुभाई अंबानी का जन्मदिन है. इस मौके पर हर साल अंबानी परिवार उन्हें याद करता है.
मुकेश अंबानी ने मनीलाइफ को दिए एक इंटरव्यू में अपने पिता को लेकर बात की थी. मुकेश अंबानी ने बताया था कि उनके पिता ने उनके लिए एक अनोखा टीचर रखा था, जो उन्हें किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान देता था. इसके पीछे की उन्होंने दिलचस्प कहानी भी बताई थी.
मुकेश अंबानी ने बताया था कि उनके पिता हर दिन उनसे कारोबार से जुड़ी बातें करते थे. उन्होंने बचपन से ही मुझे कारोबार के लिए तैयार करना शुरू कर दिया था. मुकेश अंबानी ने बताया था कि 60 के दशक में मेरे पिता ने अखबार में एक विज्ञापन दिया था. यह विज्ञापन मेरे लिए एक टीचर (ट्यूटर) हायर करने के बारे में था.
उन्होंने एक अनोखे टीचर की खोज के लिए यह विज्ञापन दिया था. मुकेश अंबानी के मुताबिक इस विज्ञापन में लिखा था 'एक टीचर चाहिए जो स्कूली किताबें नहीं, बल्कि सामान्य ज्ञान दे सके.
मुकेश अंबानी ने बताया था कि उन्होंने महेंद्रभाई नाम के शख्स को इसके लिए चुना. मुकेश याद करते हैं, 'उनके साथ मैं पैसेंजर बस व लोकल ट्रेन में सफर करता था. सड़कों पर घूमा करता था. दिनभर हम फुटबॉल और हॉकी खेलते थे. हम कैंपिंग भी जाया करते थे.'
मुकेश अंबानी अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पिता को देते हैं, जिन्होंने उन्हें बचपन से ही इसके लिए तैयार किया. उन्होंने बताया था कि मेरे पिता ने एक ऐसा टीचर रखा था, जो उन्हें स्कूली शिक्षा नहीं देता था. वह आम व्यवहार की बातें सिखाते थे. मुकेश कहते हैं कि उन्होंने मुझे दुनिया को समझने में मदद की.