लगातार कई महीने तक महंगाई के मोर्चे पर झटका लगने के बाद अगस्त में थोड़ी राहत मिली है. जुलाई के मुकाबले अगस्त में खुदरा महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है. कोरोना संकट के बीच लगातार महीने-दर महीने महंगाई दर में इजाफा हुआ था.
अगस्त में खुदरा महंगाई दर 6.69 फीसदी दर्ज की गई है. जबकि जुलाई में खुदरा महंगाई दर 6.73 फीसदी थी. खाने-पीने की वस्तुओं के दाम के ऊंचे स्तर पर बने रहने के बावजूद अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति में मामूली गिरावट आई है.
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में खाद्य महंगाई दर आंशिक कमी के साथ 9.05 फीसद पर रही. जुलाई में खाने-पीने की वस्तुओं की मुद्रास्फीति 9.62 फीसद पर रही थी. वहीं सरकार ने जुलाई की खुदरा महंगाई दर को संशोधित कर 6.73 फीसद किया. इससे पहले सरकार ने जुलाई में खुदरा महंगाई दर के 6.93 फीसद पर होने की बात कही थी.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सब्जियों की महंगाई दर अगस्त में 11.41 फीसदी रही. इस दौरान मांस-मछली की महंगाई दर 16.50 फीसदी, अंडे की 10.11 फीसदी, तेल और वसा की 12.45 फीसदी रही. दाल और दाल से जुड़े उत्पादों की महंगाई दर 14.44 फीसदी और मसाले की 12.34 फीसदी रही. देश के विभिन्न राज्यों में सबसे ज्यादा महंगाई असम में दर्ज की गई.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को 31 मार्च, 2021 तक वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर रखने का लक्ष्य दिया गया है. हालांकि, अभी तक खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे में रही है.