लॉकडाउन के असर से खुदरा बिक्री मई में बुरी तरह से लुढ़क गई है. रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एक सर्वे के बाद ये दावा किया है. खुदरा व्यापारियों का मानना है कि जून से बिक्री में गिरावट का असर कम हो जाएगा. लेकिन पिछले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को लाइसेंस फीस समेत कुछ और रियायतें देनी चाहिए, जिससे व्यापारी अपना कामकाज जारी रख सकें.
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर को कंट्रोल करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने रिटेल बिक्री को भारी नुकसान पहुंचाया है. रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी RAI के मुताबिक मई 2021 में खुदरा बिक्री मई 2019 के मुकाबले 79 फीसदी लुढ़क गई.
बिक्री में सबसे ज्यादा गिरावट पश्चिमी और उत्तरी भारत में रही, जहां मई 2021 में दो साल पहले की मई के मुकाबले खुदरा बिक्री में 83 फीसदी की गिरावट आई. पूर्वी भारत में रिटेल बिक्री 75 फीसदी और दक्षिण भारत में 73 फीसदी घटी है.
वहीं अप्रैल में रिटेल बिक्री अप्रैल 2019 के मुकाबले 49 फीसदी घटी थी. गैर जरूरी सामानों पर रिटेल बिक्री में गिरावट की सबसे ज्यादा मार पड़ी है. RAI के मुताबिक पाबंदियों के चलते मई 2021 में ब्यूटी, वेलनेस और पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स की बिक्री में सबसे ज्यादा गिरावट आई है. इनकी बिक्री मई 2019 के मुकाबले 87 फीसदी तक कम हो गई.
वहीं फुटवियर की बिक्री 86 फीसदी घटी है. जबकि फूड एंड ग्रॉसरी की बिक्री 34 फीसदी, क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स की बिक्री में 70 फीसदी की गिरावट आई है.
हालांकि, अब अनुमान है कि जून से बिक्री के मोर्चे पर रिटेलर्स को कम नुकसान उठाना होगा. लेकिन बीते दिनों हुए नुकसान की भरपाई और बिक्री को प्री-कोविड स्तर तक आने में अभी वक्त लग सकता है. ऐसे में रिटेलर्स को सरकारी मदद की दरकार है. इसके अलावा रिटेलर्स के खुद के सामूहिक प्रयासों से भी हालात में सुधार होने का अनुमान लगाया जा रहा है.