भारतीय स्टेट बैंक ने ऐसी लोन रीस्ट्रक्चरिंग योजना पेश की है जिससे होम लोन और कई अन्य लोन धारकों को दो साल तक मोरेटोरियम यानी कर्ज की किस्त न चुकाने का फायदा मिल रहा है. क्या है इस योजना के पीछे के नियम-कायदे? आइए जानते हैं...
बैंक का कहना है कि कोरोना संकट से परेशान ग्राहकों को राहत देने के लिए वह यह योजना शुरू कर रहा है. रिजर्व बैंक के निर्देश के मुताबिक यह राहत दी जा रही है.
क्या हैं शर्तें: इस योजना का फायदा लेने के लिए ग्राहकों को यह दिखाना होगा कि कोविड-19 महामारी की वजह से उनकी आय रुक गई है या उसे भारी नुकसान हुआ है. इसके तहत अधिकतम दो साल तक मोरेटोरियम का लाभ लिया जा सकता है. होम लोन के मामले में सिर्फ उन्हीं ग्राहकों को इसका फायदा मिलेगा जिन्होंने 1 मार्च, 2020 से पहले होम लोन लिया था.
देना होगा अतिरिक्त ब्याज: दो साल तक लोन की किस्त न चुकाने पर भी ग्राहकों को डिफॉल्टर घोषित नहीं किया जाएगा. लेकिन उन्हें हर साल 0.35 फीसदी अतिरिक्त ब्याज देना होगा. इसके लिए ग्राहकों को एसबीआई की वेबसाइट (www.sbi.co.in) पर जाकर अप्लाई करना होगा. बैंक अकाउंट और ओटीपी से लॉगइन करने और जरूरी सूचनाएं मुहैया कराने के बाद ग्राहकों को यह पता चल जाएगा कि वे इसके लिए पात्र हैं या नहीं.
उन्हें एक रेफरेंस नंबर दिया जाएगा जो 30 दिन के लिए वैध होगा. इस 30 दिन के भीतर वह अपने रेफेरेंस नंबर के आधार पर अपनी बैंक शाखा में जाकर मोरेटोरियम के लिए आवेदन कर सकते हैं. सभी जरूरी दस्तावेज जमा करने के बाद यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
किसे मिलेगा लाभ: ऐसे सभी कर्जधारक जिनकी अगस्त 2020 की सैलरी में फरवरी 2020 के मुकाबले कटौती की गई है, उन्हें इसका लाभ मिल सकता है. जिन लोगों की लॉकडाउन में सैलरी रुक गई हो या कट गई हो उन्हें भी इसका लाभ मिल सकता है. जिस कर्जधारक की नौकरी चली हो गई हो या कारोबार बंद हो गया हो वह भी इसका फायदा उठा सकता है.
जिन प्रोफेशन या कारोबारियों का धंधा लॉकडाउन की वजह से मंदा पड़ गया हो, वे भी इसका फायदा उठा सकते हैं. इसके तहत होम लोन, एजुकेशन लोन, वाहन लोन, पर्सनल लोन आदि में मोरेटोरियम का फायदा लिया जा सकता है.
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने 31 अगस्त तक ही लोगों को मोरेटोरियम की सुविधा दी थी, लेकिन बैंक चाहें तो अपने स्तर से इसे दो साल तक दे सकते हैं. स्टेट बैंक ने इसकी शुरुआत कर दी है, आगे और बैंक भी इसका फायदा ग्राहकों को दे सकते हैं. अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है कि मोरेटोरियम अवधि के दौरान बैंक ब्याज पर ब्याज ले सकते हैं या नहीं.
(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)