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बिज़नेस न्यूज़

GDP निगेटिव और सेंसेक्स 50 हजार के पार, बाजार में तेजी की ये एक बड़ी वजह

शेयर बाजार के लिए आज का दिन बेहद खास
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शेयर बाजार के लिए आज का दिन बेहद खास है. शेयर बाजार सेंसेक्स के 50 हजार होने का जश्न मना रहा है. सेंसेक्स ने इस आंकड़े को ऐसे वक्त में छुआ है, जब कोरोना संकट की वजह से अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी से उतर गई है. जीडीपी के आंकड़े निगेटिव में हैं. पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी और दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. 

मार्च में बड़ी गिरावट से हुआ था सामना
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दरअसल कोरोना संकट की वजह से मार्च में शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई गई थी. 23 मार्च, 2020 को सेंसेक्स 3,934.72 अंक यानी 13.15 फीसदी गिरकर 25,981.24 अंक के स्तर पर बंद हुआ. यानी आज से ठीक 10 महीने पहले सेंसेक्स 26 हजार से भी नीचे लुढ़क गया था. 
 

महज 10 महीने में करीब दोगुना हुआ सेंसेक्स
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मार्च-अप्रैल के दौरान के किसी ने ये उम्मीद नहीं की होगी कि महज 10 महीने में सेंसेक्स 50 हजार के आंकड़ को छू लेगा. कोरोना संकट में भारी गिरावट की वजह से निवेशक सहमे हुए थे. मार्च के बाद कुछ महीनों तक तो निवेशक ये समझ नहीं पा रहे थे कि बाजार में तेजी किस वजह आई है. 

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बीएसई का ट्वीट
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तमाम बड़े निवेशक भी शेयर बाजार की तेजी को लेकर उधेड़बुन में थे. लेकिन मार्च के बाद बाजार ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. नवंबर-2020 के बाद तो शेयर बाजार को पंख लग गए. बाजार उच्चतम स्तर का नया रिकॉर्ड बनाने लगा. जानकार मान रहे थे कि सेंसेक्स साल-2021 में 50 हजार के आंकड़े को छू सकता है. लेकिन जनवरी में ये रिकॉर्ड बन जाएगा, इसकी उम्मीद नहीं थी. सेंसेक्स 50 हजार होने पर बीएसई ने ट्वीट कर देश को बधाई दी है. 
 

भारतीय शेयर बाजार की स्थिति शानदार
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दुनिया भर के विकासशील देशों के शेयर बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर बाजार की स्थिति शानदार दिखाई दे रही है, शेयर बाजार में आई तेजी की वजह से दशक में पहली बार भारत की सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से ज्यादा हो गया है.

पिछले दो महीनों में तेजी एक बड़ी वजह
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पिछले दो महीनों में तेजी एक बड़ी वजह
भारतीय शेयर बाजार की इस तेजी में विदेशी निवेशकों का बड़ा हाथ है. वित्त-वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही विदेश निवेशकों ने रिकॉर्ड खरीदारी की है. अभी भी खरीदारी का सिलसिला जारी है. अब तक जनवरी में विदेशी निवेशकों ने 2.6 अरब डॉलर का निवेश किया. जिसका असर भारतीय बाजारों में देखने को मिल रहा है. कोरोना वैक्सीननेशन से भी बाजार को बल मिला है.

1990 में सेंसेक्स 1000 अंक का था
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बता दें कि साल 1990 में सेंसेक्स ने पहली बार 1000 का स्तर छुआ था. उसके बाद साल 1999 में 5000 का सेंसेक्स हुआ. साल 2006 में सेंसेक्स ने 10000 के आंकड़े को पार किया. 2013 में 20 हजार का सेंसेक्स हो गया. फिर 2017 में सेंसेक्स ने 30 हजार को पार किया. और फिर 2019 में सेंसेक्स ने 40 हजार के आंकड़े को छुआ.   

हर 6 से 7 साल में सेंसेक्स दोगुना
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पिछले 20 साल में सेंसेक्स की चाल को देखें तो एक पैटर्न उभरकर आता है. साल 2000 से 2020 के दौरान सेंसेक्स हर 6 से 7 साल में दोगुना हो जाता है. साल 2000 में सेंसेक्स 5 हजार का था, जो 6 साल के बाद 2006 में 10 हजार का हो गया. इसके 6 साल बाद 2013 में 20 हजार का हो गया. वहीं 2019 में 40 हजार का हो गया.

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