रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia-Ukraine War) जारी है. इससे दुनियाभर के बाजारों में उथल-पुथल का माहौल बना हुआ है. अतीत में जब भी ऐसे मौके आए हैं, सोने के भाव (Gold Price) ने नई ऊंचाई को छुआ है. युद्ध की वजह से पैदा हुई अनिश्चितता की वजह से इस कारोबारी हफ्ते में भी सोने के रेट (Gold Rate) में काफी उछाल देखने को मिला. ऐसे समय में सेफ एसेट्स में निवेश फायदेमंद साबित होता है.
Sovereign Gold Bond है अच्छी स्कीम: अगर आप भी Gold में पैसे लगाने (Investment in Gold) चाहते हैं तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 (Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22) का अगला चरण आपके लिए काफी बढ़िया ऑप्शन साबित हो सकता है. इस स्कीम का अगला चरण सोमवार से सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हो रहा है.
इन तारीखों के बीच कर सकते हैं सब्सक्राइबः अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 (Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22) में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो अपने पैसे तैयार रखिए. सरकार 28 फरवरी (सोमवार) से आपको (Sovereign Gold Bond Scheme Date) यह मौका देने जा रही है. इस स्कीम की 10वीं सीरीज में निवेश करने की आखिरी तारीख चार मार्च होगी.
सोने का भावः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने स्कीम की 10वीं सीरीज के लिए इश्यू प्राइस (Sovereign Gold Bond Issue Price) तय कर दिया है. आरबीआई ने इस सीरीज के लिए सोने का भाव 5,109 रुपये प्रति ग्राम तय किया है. इस बॉन्ड के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने और डिजिटल तरीके से भुगतान करने वालों को 50 रुपये प्रति ग्राम का डिस्काउंट मिलेगा. ऐसे निवेशकों को 5,059 रुपये प्रति ग्राम की दर से भुगतान करना होगा.
फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करने और सेविंग को गोल्ड बॉन्ड में शिफ्ट करने के लिए सरकार ने नवंबर 2015 में यह स्कीम पेश की थी. भारत सरकार की ओर से आरबीआई बॉन्ड जारी करता है. इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित 999 गुणवत्ता वाले सोने की तीन दिन की क्लोजिंग प्राइस के सामान्य औसत के आधार पर बॉन्ड का मूल्य तय किया जाता है. इन बॉन्ड्स की बिक्री बैंक्स स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), डेजिगनेटेड पोस्ट ऑफिस और NSE एवं BSE जैसे मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के जरिए की जाएगी.
इस बॉन्ड के तहत कोई भी व्यक्ति मिनिमम एक ग्राम गोल्ड खरीद सकता है. इंडिविजुअल और HUFs एक वित्त वर्ष में मैक्सिमम चार किलोग्राम सोने के बराबर का बॉन्ड खरीद सकते हैं. वहीं, ट्रस्ट के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम की है. इस बॉन्ड की मेच्योरिटी की अवधि 8 साल होती है. इसके अलावा गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वालों को सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है.