रियल एस्टेट ग्राहकों को रेरा (RERA) कानून से जिस चमत्कार की उम्मीद थी, उसे पूरा करने में ये नाकाम साबित हुआ है. एक सर्वे के मुताबिक शिकायत समाधान की प्रक्रिया से ग्राहक सबसे ज्यादा असंतुष्ट हैं. 5 साल बाद भी रेरा की ये सबसे बड़ी खामी दूर नहीं की जा सकी है. (Photo: File)
करीब 5 साल पहले रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा का गठन करके सरकार ने होम बायर्स को डेवलपर्स की धोखाधड़ी से बचाने का रास्ता तैयार किया था. रेरा ने घर खरीदारों में भरोसा तो पैदा किया है. लेकिन ये उनकी उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतरा है. (Photo: File)
ओमिडयार नेटवर्क इंडिया और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के एक सर्वे में रेरा पर लोगों से उनकी राय मांगी गई. सर्वे के मुताबिक करीब 70 फीसदी ग्राहकों को RERA के बारे में जानकारी है. 6 में से 5 घर खरीदार RERA के जरिए शिकायतों का समाधान चाहते हैं. (Photo: File)
शिकायत समाधान प्रक्रिया से केवल 22 फीसदी ग्राहक संतुष्ट हैं. जानकारों का मानना है कि धीरे-धीरे रेरा की खामियां दूर करके उसे मजबूत कानून बनाया जा रहा है. ये रिपोर्ट कई राज्यों के 1,300 से ज्यादा ग्राहकों, डेवलपर्स, नियामक प्राधिकरणों, CAs, इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स के साथ बातचीत के बाद तैयार की गई है. (Photo: File)
सर्वे में शामिल 70 फीसदी ग्राहकों को रेरा के केवल मुख्य फायदों की जानकारी है. RERA जानने वाले 71 फीसदी ग्राहक कानून से संतुष्ट हैं. 76 फीसदी ग्राहक रेरा-रजिस्टर्ड संपत्ति खरीदने की ही योजना बनाते हैं. (Photo: File)
जाहिर है कि नए प्रोजेक्ट्स के लिए तो रेरा एक भरोसेमंद कानून के तौर पर उभरकर सामने आया है. लेकिन पुराने प्रोजेक्ट्स के मामले में ये ग्राहकों को ज्यादा राहत नहीं दिला सका है.