वित्त वर्ष का अंतिम दिन यानी 31 मार्च बैंकों के लिए काफी अहम होता है. भारत सरकार एक अप्रैल से 31 मार्च को अपना वित्त वर्ष मानती है. इसलिए 31 मार्च को बैंक केंद्र और राज्य सरकारों के सरकारी खातों का हिसाब-किताब पूरा करते हैं. ताकि 1 अप्रैल को पुराने वित्त वर्ष के खाते बंद करके नए खाते शुरू किए जा सकें. (सांकेतिक फोटो)
वित्त वर्ष के अंतिम दिन बैंक के कर्मचारियों के पास काफी काम होता है. कुछ ब्रांचेज में देर रात तक सरकारी खातों की क्लोजिंग चलती है. वित्त वर्ष का अंत होने की वजह से आम ग्राहकों की भी काफी भीड़ होती है और उनका पूरा काम निपटाने के लिए ब्रांचेज में देर तक काम होता है.
बैंकों में 31 मार्च के अगले दिन यानी 1 अप्रैल को आम ग्राहकों की नो-एंट्री होती है. इसकी वजह यह है बैंकों मेंं उस दिन पूरे साल के एकाउंट की क्लोजिंग होती है. हालांकि डिजिटल बैंकिंग से ग्राहक उस दिन भी लेनदेन कर सकते हैं. (सांकेतिक फोटो)
इस बार 31 मार्च को सरकारी खातों से जुड़े चेक की स्पेशल क्लीयरिंग के लिए रिजर्व बैंक ने विशेष समय तय किया है. उस दिन शाम 5 से साढ़े पांच बजे के बीच चेक क्लीयरिंग की जाएगी जबकि शाम सात से साढ़े सात बजे के बीच रिटर्न क्लीयरिंग का काम होगा. (सांकेतिक फोटो)