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बिज़नेस न्यूज़

अब सुप्रीम कोर्ट में तय होगा Future Group का फ्यूचर! जानें क्या-क्या हुआ अब तक...

अब एमेजॉन पहुंची है सुप्रीम कोर्ट
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दुनिया की सबसे बड़ी ई-वाणिज्य कंपनियों में से एक एमेजॉन ने रिलायंस-फ्यूचर सौदे के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है. उसने 22 मार्च 2021 के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए विशेष अनुमति याचिका दायर की है. अपनी याचिका में हाई कोर्ट के आदेश को ‘मनमाना’, ‘अवैध’, ‘अनुचित और न्याय विरुद्ध’ करार दिया है. इसी के साथ उसने मामले में दाखिल उसकी पुरानी याचिकाओं पर फैसला आने तक हाई कोर्ट के आदेश पर रोक की मांग की है.
(Photo:File)

फ्यूचर रिटेल ’करेगी अपना बचाव’
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फ्यूचर रिटेल ने शेयर बाजारों को सूचना दी कि उसे एमेजॉन डॉट कॉम की ओर से 13 अप्रैल 2021 का एक आधिकारिक पत्र मिल चुका है.  इसमें एमेजॉन ने मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की बात स्पष्ट की है. कंपनी भी कानूनी सलाहकारों की मदद से मामले में अपना बचाव करेगी और कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करेगी. 
(Photo:File)

क्या कहा था दिल्ली हाई कोर्ट ने
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दिल्ली हाई कोर्ट की खंड पीठ ने 22 मार्च 2021 को अपने आदेश में फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस के साथ हुए 24,713 करोड़ रुपये के सौदे पर आगे बढ़ने की अनुमति दे दी थी. इसके लिए उसने हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति जे. आर. मीढ़ा की एकल पीठ के 18 मार्च के आदेश पर रोग लगा दी थी.
(Photo:File)

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क्या था 18 मार्च का फैसला
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जस्टिस मीढ़ा ने 18 मार्च को मामले की सुनवाई के दौरान फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ फैसला सुनाया था. साथ ही कंपनी को सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के फैसले का जानबूझकर उल्लंघन करने वाला बताया था. उन्होंने कंपनी के रिलायंस के साथ सौदे पर आगे कार्रवाई करने को लेकर रोक लगा दी थी. इसके अलावा कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था कि मध्यस्थता अदालत के आदेश का उल्लंघन करने के लिए क्यों नहीं कंपनी के अधिकारियों को तीन महीने कैद की सजा दी जाए. इसी के साथ उन्होंने कंपनी और उसके निदेशकों पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.
(Photo:File)

क्या है रिलायंस-फ्यूचर रिटेल सौदा
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फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल के पास बिगबाजार जैसा बड़ा रिटेल ब्रांड है. वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज देश के रिटेल बाजार में अपना दखल बढ़ाने की इच्छा रखती है. इसी के मद्देनजर दोनों कंपनियों के बीच 29 अगस्त 2020 को 24,713 करोड़ रुपये का एक सौदा हुआ. इस सौदे के पूरे होने के बाद रिलायंस को बिग बाजार के साथ-साथ फ्यूचर ग्रुप के अन्य रिटेल, गोदाम, लॉजिस्टिक और थोक कारोबार का मालिकाना हक मिल जाएगा.
(Photo:File)

एमेजॉन के साथ कहां फंसा है पेंच?
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अब इस सौदे में एमेजॉन के साथ एक पेंच फंसा है. दरअसल फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर ग्रुप की ही एक और कंपनी फ्यूचर कूपन्स की हिस्सेदारी है. इस फ्यूचर कूपन्स में 2019 में एमेजॉन ने 49% हिस्सेदारी खरीदी थी. साथ ही उसे ये अधिकार भी मिला था कि भविष्य में फ्यूचर ग्रुप जब भी कंपनी की हिस्सेदारी बेचना चाहेगा तो एमेजॉन के पास उसे खरीदने का पहला अधिकार होगा. यही एक बात किशोर बियानी के फ्यूचर समूह को रिलायंस के साथ सौदा करने से रोकती है. इस मामले में एमेजॉन ने सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत में गुहार लगाई और 25 अक्टूबर 2020 को अपने पक्ष में फैसला कराने में सफल रही. सिंगापुर की मध्यस्थ अदालत के फैसले के बाद रिलायंस के साथ हुआ सौदा रुक गया.
www.businesstoday.in से इनपुट पर आधारित
(Photo:File)

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