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Good News: मोदी सरकार के लिए तीन खुशखबरी, एक तो आज ही आई... अबतक मई महीना शानदार

सरकार को महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है. खुदरा और थोक, दोनों ही महंगाई दर में गिरावट आई है. इसके अलावा सरकार का खजाना भी टैक्स से जमकर भरा है. कुल मिलाकर मई के महीने में अब तक सरकार के लिए तीन राहत भरी खबरें आई हैं.

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महंगाई के मोर्चे पर मिली सरकार को बड़ी राहत.
महंगाई के मोर्चे पर मिली सरकार को बड़ी राहत.

मई के महीने में केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के लिए कई राहत भरी खबरें आई हैं. देश में महंगाई दर का ग्राफ नीचे की तरफ नजर आने लगा है. महंगाई (Inflation) के मोर्चे पर सरकार को बड़ी राहत मिली है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 के पहले महीने में ही गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से जमकर सरकार का खजाना भरा है. कुल मिलाकर मई में अब तक सरकार के लिए तीन खुशखबरी आई है. खासकर महंगाई का कम होना सरकार के लिए बड़ी राहत है. क्योंकि, बढ़ती महंगाई की वजह से रिजर्व बैंक का रवैया ब्याज को लेकर सख्त रहा है. 

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खुदरा महंगाई दर घटी

देश में अप्रैल के महीने में महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों को राहत मिली है. खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) कम होकर 18 महीने निचले स्तर पर आ गई है. अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 4.7 फीसदी रही. खुदरा महंगाई दर मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में आई गिरावट की वजह से घटी है. यह लगातार दूसरा ऐसा महीना है, जब कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई दर रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य 6 फीसदी से नीचे रही है. खाद्य कीमतों में आई गिरावट का अर्थ ये है कि खाने-पीने की चीजें अप्रैल के महीने में सस्ती हुई हैं. 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार, फूड बॉस्केट महंगाई दर अप्रैल में 3.84 प्रतिशत रही, जबकि मार्च में यह 4.79 प्रतिशत और एक साल पहले की अवधि में 8.31 फीसदी पर थी. अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2021 के बाद से सबसे कम है. तब यह 4.48 फीसदी पर थी. 

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महंगाई दर में गिरावट.

शून्य से भी नीचे थोक महंगाई दर

खुदरा महंगाई के बाद लोगों को थोक महंगाई दर के मोर्चे पर भी बड़ी राहत मिली है. अप्रैल महीने में होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) आधारित महंगाई दर शून्य से भी नीचे आ गई. यह थोक महंगाई का करीब तीन साल का सबसे निचला स्तर है. सोमवार को जारी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, मई के महीने में खुदरा महंगाई दर गिरकर शून्य से नीचे 0.92 फीसदी पर आ गई. जुलाई 2020 के बाद पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि होलसेल प्राइस इंडेक्स बेस्ड महंगाई दर शून्ये से नीचे आई है. मार्च के महीने में थोक महंगाई दर 1.34 फीसदी रही थी.

थोक महंगाई दर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. अप्रैल 2023 के बाद ये लगातार 11वां महीना है, जब थोक महंगाई दर घटी है. फरवरी 2023 के महीने में थोक महंगाई दर 3.85 फीसदी और जनवरी में 4.73 फीसदी रही थी. वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल में थोक महंगाई में आई गिरावट की वजह बेसिक मेटल्स, खाने-पीने के वस्तुओं, मिनरल ऑयल, टेक्सटाइल, नॉन-फूड आर्टिकल्स, केमिकल आदि के भाव में आई नरमी है.

रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन

पिछले करीब 6 साल में पहली बार अप्रैल-2023 में रिकॉर्ड जीएसटी का कलेक्शन हुआ है. अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection April) 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा. इससे पहले सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन अप्रैल 2022 में 1.68 लाख करोड़ रुपये का रहा था. अप्रैल 2022 के मुकाबले पिछले महीने 19,495 करोड़ रुपये का ज्यादा GST कलेक्शन हुआ.

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में कुल 1,87,035 करोड़ जीएसटी कलेक्शन में CGST कलेक्शन 38,440 करोड़ रुपये, SGST कलेक्शन 47,412 करोड़ रुपये, IGST कुल 89,158 करोड़ रुपये और सेस के रूप में 12.025 करोड़ रुपये की वसूली हुई.  

 

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