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2000 के नोट की वापसी नोटबंदी नहीं, जानिए क्यों 2016 से तुलना नहीं कर सकते, ये हैं 5 बड़े कारण

2016 में हुई नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नए नोट जारी किए थे. तब 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया गया था. रिजर्व बैंक ने अब 2000 रुपये के नोटों को वापस मंगाया है.

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रिजर्व बैंक ने वापस मंगाए हैं 2000 रुपये के नोट.
रिजर्व बैंक ने वापस मंगाए हैं 2000 रुपये के नोट.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को ऐलान किया कि 2000 रुपये के नोट वापस लिए जाएंगे. केंद्रीय बैंक ने लोगों से कहा कि जिनके पास भी 2000 रुपये के नोट हैं, वो उसे 23 मई से लेकर 30 सितंबर के बीच एक्सचेंज करवा सकते हैं. कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी बैंक के ब्रॉन्च में जाकर 20,000 रुपये तक के 2000 रुपये के नोट बदलवा सकता है. साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नए नोट जारी किए थे. तब 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया गया था. 2000 रुपये के नोट की वापसी के फैसले की तुलना 2016 की नोटबंदी से क्यों नहीं की जा सकती है. इसे पांच प्वाइंट में समझ लेते हैं. 

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1. सर्कुलेशन में थे 86 फीसदी 500 और 1000 के नोट 

साल 2016 में जब 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया गया था, तब ये भारी मात्रा में सर्कुलेशन में थे. 2016 की नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपये के 86 फीसदी नोट सर्कुलेशन में थे. सरकार ने रातों-रात इन्हें सर्कुलेशन से बाहर करने का फैसला किया था. लेकिन इस बार 2000 रुपये के तुरंत चलन से बाहर नहीं किया गया है. आरबीआई ने साफ तौर पर कहा है कि ये लीगल टेंडर रहेंगे, मतलब ट्रांजैक्शन के इस्तेमाल के लिए इन्हें जारी रखा जा सकता है. जबकि 2016 में 500 रुपये, 1000 रुपये के नोट रातों-रात अमान्य हो गए थे.

2. नोट बदलने के लिए पर्याप्त समय

2000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए रिजर्व बैंक ने पर्याप्त समय दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि 23 मई से लेकर 30 सितंबर 2023 के बीच 2000 रुपये के नोट आसानी से बदले जा सकत हैं. कोई भी व्यक्ति मंगलवार से 2000 रुपये तक के 2000 के नोट आसानी से किसी भी बैंक के ब्रॉन्च में जाकर बदल सकता है. 
साथ ही बैंक खाते में 2000 रुपये को नोट जमा करने पर कोई लिमिट नहीं है. इसके अलावा बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट सेंटर जाकर भी 2000 रुपये के नोटों को एक्सचेंज करवा सकते हैं. हालांकि, यहां नोट बदलने की लिमिट सिर्फ 4000 रुपये की है. 

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3. सर्कुलेशन में छोटा हिस्सा

साल 2016 में हुई नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपये के नोटों का बड़ा हिस्सा सर्कुलेशन में था. लेकिन 2000 रुपये के नोट का बहुत छोटा हिस्सा मौजूदा समय में सर्कुलेशन में है. आसान भाषा में समझें, तो आम लोगों के पास 2000 रुपये के बेहद कम नोट हैं. इसलिए 2016 में हुई नोटंबदी की तरह अफरा-तफरी की स्थिति नहीं है. RBI के आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च, 2023 तक सर्कुलेशन में 2000 रुपये के 10.8 फीसदी नोट थे. 

4. लंबे समय से छपाई बंद

2000 रुपये नोट धीरे-धीरे मार्केट से गायब हो रहे थे. लंबे समय से ये एटीएम से भी नहीं निकल रहे थे. रिजर्व बैंक धीरे-धीरे 2000 रुपये के नोटों को वापस ले रहा था. इसलिए कई बार ऐसे सवाल भी उठे थे कि क्या रिजर्व बैंक ने दो हजार रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिए हैं क्या. यहां तक की ये सवाल संसद में भी उठा था. लेकिन तब सरकार ने साफ तौर पर कहा था कि 2000 रुपये के नोट पूरी तरह से मान्य हैं. लेकिन इस बात की जानकारी दी गई थी कि रिजर्व बैंक ने साल 2018-19 के बाद से 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई नहीं की है.

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5. 2014 में रिजर्व बैंक ने लिया था ये फैसला

यह पहली बार नहीं है जब आरबीआई ने नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला किया है. साल 2013-14 में आरबीआई ने कहा था कि वह मार्च, 2014 के बाद 2005 से पहले जारी किए गए सभी बैंकनोटों को पूरी तरह से वापस लेगा. बैंक ने एक जुलाई 2014 तक का समय दिया थ. 'क्लीन नोट पॉलिसी' तहत बैंक समय-समय पर ऐसे कदम उठाता रहा है. कुल मिलाकर 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की तुलना केवल 2014 में नोटों की वापसी के फैसले की जाती है.. 2016 में हुई नोटबंदी से नहीं.



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