भारतीय एविएशन सेक्टर इन दिनों गंभीर संकट का सामना कर रहा है, बीते महज हफ्तेभर में ही फ्लाइट में बम (Bomb In Flights) रखे होने की 70 से ज्यादा धमकियां मिली हैं और ये सब झूठी थीं. इन झूठी धमकियों भरे कॉल्स के चलते IndiGo से लेकर Vistara तक को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इन एयरलाइंस कंपनियों को यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जो स्टेप उठाने पड़ रहे हैं, उनमें एक झटके में लाखों रुपये साफ हो जाते हैं. आइए समझते हैं कि कैसे इन झूठी कॉल्स से विमानन कंपनियों को बड़ा फटका लग रहा है?
दो दिन में ही 40 फर्जी धमकी भरे कॉल्स
Indian Aviation Sector किस तरह से परेशानी से जूझ रहा है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि महज 19 अक्टूबर शनिवार को ही तमाम एयरलाइंस के पास विमान में बम होने से संबंधिक करीब 20 से ज्यादा झूठे कॉल्स आए थे. इनमें इंडिगो (Indigo), अकासा एयर (Akasa Air) और विस्तारा (Vistara) की फ्लाइट्स शामिल थीं. इन कॉल्स के बाद सुरक्षा उपायों के तहत उठाए गए कदमों के चलते एयरलाइंस को भारी-भरकम नुकसान उठाना पड़ा. इनमें फ्लाइट को डायवर्ट करने से लेकर इमरजैंसी लैंडिंग तक पर होने वाले अतिरिक्त खर्च शामिल हैं.
वहीं बात अगर रविवार की करें, तो एयरलाइंस को फर्जी धमकी भरे कॉल आने का सिलसिला 20 अक्टूबर को भी जारी रहा, जब इंडिगो, अकासा एयर और विस्तारा की 20 से अधिक उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली. इंडिगो ने तो प्रेस रिलीज जारी कर उड़ानों को मिली बम की धमकी का ब्योरा शेयर किया. अपने बयान में, इंडिगो ने पुष्टि की कि उसे गोवा से अहमदाबाद जाने वाली उड़ान 6E 112, पुणे से जोधपुर जाने वाली उड़ान 6E 133 और जेद्दा से मुंबई जाने वाली उड़ान 6E 58 से जुड़ी इस तरह की कॉल्स मिलीं.
घरेलू उड़ानों में झूठी धमकियों का ये असर
विमानन सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स इन झूठी धमकी भरे कॉल्स के चलते एयरलाइंस को होने वाले नुकसान के आंकड़े को उदाहरण के साथ समझाते हैं. उनका कहना है कि मान लीजिए दिल्ली से हैदराबाद (Delhi to Hyderabad) मार्ग पर चलने वाली एयरबस A321neo लगभग 1,200 किमी की दूरी तय करती है और इसमें 5,750 लीटर से 6,500 लीटर के बीच एयर टर्बाइन फ्यूल यानी ATF की खपत होती है, इस हिसाब से देखें तो प्रति उड़ान पर करीब 6.32 लाख रुपये से 7.15 लाख रुपये तक की लागत आती है.
अब अगर विमान के टेकऑफ करने के महज एक एक घंटे बाद ही फ्लाइट में बम की धमकी मिलती है और इसे दूसरी दिशा में मोड़ना होता है, तो फिर ऐसा करने में अतिरिक्त ईंधन की खपत 5.82 लाख से 7.72 लाख रुपये तक हो सकती है. इससे परिचालन में लाखों रुपये का बोझ बढ़ जाता है. अगर बात अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की करें, तो फिर इस स्थिति में फाइनेंशियल बोझ कहीं ज्यादा बढ़ जाता है. किसी उड़ान के दूसरी दिशा में मोड़ने की स्थिति में, एयरलाइनों को केवल ईंधन के लिए लगभग 5 लाख डॉलर (करीब 4 करोड़ रुपये से ज्यादा) का खर्च उठाना पड़ सकता है. न केवल ईंधन की लागत बल्कि इसके अलावा ऐसी स्थिति में अन्य खर्चों को मैनेज करने पर होने वाला खर्च जोड़कर खर्च और भी अधिक बढ़ जाता है.
Air India पर आया था इतना बोझ
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में बम की अफवाह के कारण एयर इंडिया की एक उड़ान (Air India Flight) को दूसरी दिशा में मोड़ने से अनुमानित 30-40 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. इस आंकड़े में मोड़ के दौरान लगभग 15,000 लीटर ईंधन जलाने की लागत (लगभग 16.5 लाख रुपये), इमरजैंसी लैंडिंग फी और इकालुइट में ग्राउंड सेवाओं (5-7 लाख रुपये के बीच) शामिल है. अन्य खर्चीले आंकड़ों को देखें, तो एयरलाइंस को यात्री मुआवजा और चालक दल के ओवरटाइम समेत अन्य अतिरिक्त खर्च पर अनुमानित 10-15 लाख रुपये लगाने पड़ते हैं.
झूठी धमकियों पर एविएशन मिनिस्ट्री सख्त
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने बिजनेस टुडे टीवी को बताया कि वे स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और इन फर्जी कॉलों के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के लिए होम मिनिस्ट्री के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. एविएशन एनालिस्ट जितेंद्र भार्गव का कहना है कि एयरलाइंस इन फर्जी कॉल्स का शिकार हैं और जांच एजेंसियों को इन कॉल्स के स्रोत का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए एक तंत्र विकसित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर हमें इस खतरे को रोकना है तो इन कॉल्स को करने के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
एयरलाइंस इन बम की धमकियों के कारण चिंतित हैं कि खासतौर पर इसलिए भी कि अगर यह मुद्दा अनसुलझा रहा, तो इससे भारत में फेस्टिव सीजन के दौरान परेशानी और नुकसान और बढ़ सकता है.