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बैंकों-डीमैट खातों में पड़े 82 हजार करोड़ का कोई दावेदार नहीं, Zerodha ने दिया ये समाधान

Unclaimed Money: बैंकों, डीमैट खातों, बीमा आदि में पड़ी करीब 82 हजार करोड़ रुपये की रकम का कोई दावेदार नहीं है. इसकी मुख्य वजह यह है कि बहुत से लोग अपने निवेश के ऐसे खातों में किसी नॉमिनी का नाम डालना भूल जाते हैं.

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भारी रकम का कोई दावेदार नहीं (प्रतीकात्मक तस्वीर)
भारी रकम का कोई दावेदार नहीं (प्रतीकात्मक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अक्सर लोग नॉमिनी नहीं बनाते
  • जेरोधा ने इसके लिए रास्ता निकाला

देश के बैंकों, म्यूचुअल फंड, डीमैट खातों, बीमा आदि में पड़ी करीब 82 हजार करोड़ रुपये की रकम का कोई दावेदार नहीं (Unclaimed Money) है. हाल के एक सर्वे से यह जानकारी सामने आई है. 

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इसकी मुख्य वजह यह है कि बहुत से लोग अपने निवेश के ऐसे खातों में किसी नॉमिनी का नाम डालना भूल जाते हैं. उदाहरण के लिए डीमैट अकाउंट खोलना साल 2016 से ही पूरी तरह से ही डिजिटल हो चुका है, लेकिन नॉमिनी ऐड करना फिजिकल प्रोसेस था, जिसकी वजह से बहुत से लोग ऐसा करना भूल जाते थे.

लेकिन पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अब यह विकल्प दिया है कि आप अपने ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट (demat account) में 3 नॉमिनी का नाम ऑनलाइन ही जोड़ सकते हैं. 

जेरोधा ने दिया समाधान 

जेरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर नितिन कामथ ने दावा किया है कि उनके पास ऐसा ऑनलाइन फीचर है जिससे इस समस्या का समाधान किया जा सकता है. जेरोधा का कहना है कि बहुत से लोग ऐसे योजनाओं में नॉमिनी का नाम डलवाना इसलिए भूल जाते हैं क्योंकि यह एक ऑफलाइन प्रक्रिया होती है.  

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लेकिन जेरोधा ने ऐसा सिस्टम शुरू किया है जिससे लोग ऑनलाइन तीन नॉमिनी जोड़ सकते हैं. अगर कोई अकाउंट एक साल से ज्यादा निष्क्रिय रहा, तो ऐसे नॉमिनी को एक अलर्ट मैसेज जाएगा. 

अलर्ट फीचर से मदद

नितिन कामथ ने ट्वीट कर कहा, 'हमें उम्मीद है कि हमारी अलर्ट फीचर से इस समस्या के समाधान में मदद मिल सकती है. इसके तहत अकाउंट निष्क्रिय होने पर नॉमिनी को सूचना दी जाती है.' 

जेरोधा ने एक ट्वीट में कहा है, 'अब ऐसा नहीं होगा. आप ऑनलाइन ही तीन नॉमिनी जोड़ सकते हैं. आपका अकाउंट निष्क्रिय होने पर हम आपके नॉमिनी को अलर्ट भेजेंगे.' कंपनी के द्वारा निवेश किए जाने वाले सभी तरह के साधनों जैसे शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और बॉन्ड में यह सुविधा मिलती है. 

कहां, कितने धन का कोई नहीं है दावेदार? 

प्रोविडेंट फंड अकाउंट        26,497 करोड़ रुपये 
बैंक अकाउंट     18,381  करोड़ रुपये 
म्यूचुअल फंड     17,880 करोड़ रुपये 
बीमा पॉलिसी     15,167 करोड़ रुपये
फिक्स्ड डिपॉजिट    4,820 करोड़ रुपये


 

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