कुछ समय से टेक सेक्टर (Tech Sector) हायरिंग गतिविधियों को लेकर खासी चर्चा में है. एक के बाद एक कई कंपनियों में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, जहां फ्रेशर्स (Freshers) का सिलेक्शन तो कर लिया गया, लेकिन उनके ऑनबोर्डिंग को लटकाया जा रहा है. इससे सेलेक्टेड कैंडिडेट्स में भविष्य को लेकर चिंता गहराती जा रही है. InfoSys-Wipro और HCL Tech के बाद अब एक और कंपनी Accenture इस लिस्ट में शामिल हो गई है.
चयनित कैंडिडेट्स ने बताई आपबीती
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इंफोसिस- विप्रो- एचसीएल टेक के बाद अब एक्सेंचर (Accenture) में भी सेलेक्टेड कैंडिडेट्स की ऑनबोर्डिंग (Onboarding) में देरी करने का मामले सामने आ रहे हैं. कुछ फ्रेशर्स ने अपनी इस हालत के बारे में बात करते हुए अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि उनकी इस समस्या पर ना तो कंपनी और ना ही कॉलेज का प्लेसमेंट ऑफिस कोई ध्यान दे रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, मल्टीनेशनल आईटी कंपनी एक्सेंचर पर नए कर्मचारियों को शामिल करने में देरी करने के आरोप लग रहे हैं.
लगातार बढ़ रही ऑनबोर्डिंग डेट
एक इंजीनियरिंग कॉलेज से हाल ही में पासआउट छात्र ने बिजनेस टुडे से बातचीत के दौरान बताया कि उसे नवंबर 2021 में कैंपस प्लेसमेंट के जरिए एक्सेंचर में एसोसिएट सॉफ्टवेयर इंजीनियर (ASE) के रूप में चुना गया था. इस साल अप्रैल 2022 के आखिरी सप्ताह में ऑफर लेटर (Offer Letter) भी मिल गया. लेकिन इसके बावजूद ऑनबोर्डिंग को समय-समय पर आगे बढ़ाया जा रहा है. उसने बताया कि हाल ही में उसे इसके लिए 30 सितंबर की तारीख दी गई थी, लेकिन फिर से इसे अगले साल यानी 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
तेजी से सामने आ रहे ऐसे मामले
Accenture से जुड़ा ये एकमात्र ऐसा मामला नहीं है. एक अन्य कैंडिडेट ने बताया, 'मुझे इस साल 25 अप्रैल को ऑफर लेटर दिया गया था और मेरे सभी दस्तावेजों भी अप्रूव्ड हो गए, लेकिन मुझे अभी तक मेरी ऑनबोर्डिंग डेट नहीं मिली है'. ऐसे ही एक और पासआउट ने कहा कि उसकी ऑनबोर्डिंग डेट ज्वाइनिंग से महज दो दिन पहले ही कैंसिल करके आगे बढ़ा दी गई. ऑनबोर्डिंग डेट मिलने के बाद मैंने अपना बैग पैक करके नए शहर में जाने के लिए टिकट बुक कर लिए थे. लेकिन ज्वाइनिंग से ठीक दो दिन पहले कंपनी ने फिर से डेट कैंसिल कर दी.
कॉलेज से भी नहीं मिल रही मदद
आजतक के सहयोगी चैनल बिजनेस टुडे को अपनी आपबीती बताते हुए ऐसे ही एक कैंडिडेट ने बताया कि उसने Accenture में नौकरी करने के लिए टीसीएस, विप्रो और एचसीएल टेक जैसी कंपनियों के ऑफर को ठुकरा दिया था. लेकिन यहां इस तरह के हालात देखकर मैं डिप्रेशन से ग्रस्त हो गया हूं. टेक कंपनियों की इस आनाकानी के शिकार कैंडिडेट्स ने कहा कि कॉलेज प्लेसमेंट सेल को इस कठिन समय में हमारी मदद करनी चाहिए थी, लेकिन वे कोई जवाब नहीं दे रहे हैं. ग्रेटर नोएडा की गलगोटियास यूनिवर्सिटी से हाल ही पासआउट एक ग्रेजुएट ने कहा कि मुझे कैंपस प्लेसमेंट सेल के जरिय चुना गया था, लेकिन अब वे भी मेरी शिकायतों का जवाब नहीं दे रहे हैं.
कई बड़ी कंपनियों में ऐसे हालात
Accenture से पहले हाल ही में विप्रो, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा और कैपजेमिनी में भी ऑनबोर्डिंग में देरी के कई मामले सामने आ चुके हैं. जहां ना केवल ऑनबोर्डिंग में देरी बल्कि ऑफर लेटर दिए जाने के बाद ज्वाइनिंग देने से ही इनकार करते हुए कंपनी ने फ्रेशर्स को तगड़ा झटका दिया. टेक कंपनियों के इस रवैये से जहां नए कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर उनमें भविष्य को लेकर चिंताएं भी बढ़ गई हैं.