आखिरकार 12 दिनों की गिरावट के बाद अडानी ग्रीन (Adani Green Stock) के शेयर हरे निशान में नजर आ ही गए. अडानी ग्रीन के शेयरों में शुक्रवार को चार फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. अडानी ग्रीन के शेयरों में तेजी रायटर्स की उस रिपोर्ट्स के बाद नजर आई, जिसमें कहा गया है कि अडानी ग्रुप की ये कंपनी की रिफाइनेंसिंग प्लान पर काम कर रही है और इसका खुलासा चालू वित्त वर्ष की समाप्ति के बाद होगा. समूह के एक कार्यकारी ने गुरुवार को एक कॉल पर अडानी ग्रीन के बॉन्डहोल्डर्स को इस संबंध में सूचित किया किया है.
शेयरों में उछाल
इस खबर के बाद बीएसई पर अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर 3.63 प्रतिशत बढ़कर 638.85 रुपये पर पहुंच गए. 16 फरवरी को यह शेयर 591 रुपये के निचले स्तर पर आ गया था. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली है. अडानी ग्रीन भी इनमें से एक है.ं
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद तेज गिरावट
अडानी ग्रीन के शेयर बीएसई पर आज अडानी ग्रीन के शेयर बीएसई पर आज 628 रुपये पर ओपन हुए और 639 रुपये का इंट्राडे हाई बनाया. अडानी ग्रीन का आज का लो लेवल 620.00 रुपये रहा है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रीन के शेयर तेजी से टूटे हैं. इस वजह से अडानी ग्रीन के मार्केट कैपिटलाइेजशन में 50 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है.
24 जनवरी से लेकर 15 फरवरी तक अडानी ग्रीन का मार्केट कैप 68 फीसदी घटा है. पिछले एक महीने में अडानी ग्रीन के शेयर 70 फीसदी से अधिक टूटे हैं. अडानी ग्रीन का 52 वीक का हाई 3,050 रुपये रहा है.
मूडीज ने दी थी नेगेटिव रेटिंग
गिरावट की तूफान में फंसने के बाद कंपनी ने रिफाइनेंसिंग का प्लान बनाया है. बॉन्ड निवेशकों के साथ कॉल की व्यवस्था करने के लिए कंपनी ने बैंकों को हायर किया है. अडानी ग्रीन एनर्जी प्रतिबंधित समूह (Adani Green Energy Restricted Group) और अडानी ग्रीन एनर्जी ग्रुप की उन चार कंपनियों में शामिल हैं, जिनके लिए मूडीज ने 'नेगिटिव' रेटिंग दी थी.
रिकवरी की कोशिश में अडानी ग्रुप
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते अपने शेयरों में आई गिरावट के बाद अडानी ग्रुप निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश में जुटा है. अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के दावों को खारिज करने के लिए अपनी कुछ कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट के लिए अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉर्नटन को नियुक्त किया है. 24 जनवरी को आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप ने अपने बचाव के लिए पहली बड़ी कोशिश की है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी ग्रुप के शेयर इस कदर टूटे हैं कि कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 50 फीसदी से अधिक घट गया है.