अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) की ताजा रिपोर्ट में मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए गए हैं. शनिवार को जारी की गई इस रिपोर्ट के संबंध में रविवार सुबह जहां सेबी चीफ माधबी पुरी बुच की ओर से स्टेटमेंट जारी कर सफाई दी गई और इन आरोपों को निराधार बताया गया. तो वहीं अब इस मामले में गौतम अडानी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप की ओर से भी बयान जारी किया गया है और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में किए गए दावों को सिरे से खारिज किया गया है. ग्रुप ने इन आरोपों को तथ्य और कानून की उपेक्षा वाला करार दिया.
अडानी ग्रुप ने खारिज किए सभी आरोप
Adani Group की ओर से हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट को लेकर बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि इस रिपोर्ट में लगाए गए आरोप दुर्भावना पूर्ण और तत्थों को जोड़-तोड़ कर पेश किए गए हैं. हम समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए इन सभी आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं, जो सिर्फ हमें बदनाम करने वाले दावों की रि-साइक्लिंग है. अडानी ग्रुप की ओर से कहा गया है कि पहले लगाए गए इन सभी आरोपों की गहन जांच की जा चुकी है, जो पूरी तरह से निराधार साबित हुए हैं. इन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में पहले ही खारिज कर दिया है.
Adani Group issues a statement on the latest report from Hindenberg Research.
— ANI (@ANI) August 11, 2024
The latest allegations by Hindenburg are malicious, mischievous and manipulative selections of publicly available information to arrive at pre-determined conclusions for personal profiteering with… pic.twitter.com/WwKbPLTkrv
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर जारी अपने बयान में अडानी ग्रुप की ओर से दोहराया गया कि, 'हमारा ओवरसीज होल्डिंग स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है, जिसमें सभी तत्थों और विवरणों को नियमित रूप से कई सार्वजनिक दस्तावेजों में प्रदर्शित किया जाता है.' अदानी समूह का इस जानबूझकर बदनाम करने के प्रयास में बताए गए व्यक्तियों या मामलों के साथ बिल्कुल भी व्यावसायिक संबंध नहीं है.
हिंडनबर्ग ने लगाए हैं क्या आरोप?
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप और SEBI चीफ माधबी पुरी बुच के बीच लिंक होने का दावा करते हुए आरोप लगाया है कि व्हिसलब्लोअर से मिले दस्तावेजों से पता चलता है जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष की हिस्सेदारी थी. रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा गया कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना अकाउंट खोला. इसमें दंपति का कुल निवेश 10 मिलियन डॉलर आंका गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी ग्रुप के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है.
अडानी ग्रुप पर लगाए थे ये आरोप
बीते साल 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की थी. इसमें समूह की शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में हेर-फेर से लेकर ग्रुप पर कर्ज को लेकर तमाम गंभीर आरोप लगाए थे. इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद Gautam Adani की नेटवर्थ में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. कंपनियों के शेयर 85% तक टूट गए थे और गौतम अडानी की संपत्ति 60 अरब डॉलर तक घट गई थी.
अडानी ग्रुप ने दिया था 414 पन्नों में जवाब
हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप को लेकर जो रिपोर्ट जारी की गई थी, उसमें 88 सवाल उठाए गए थे. इसके जारी होने के तुरंत बाद Adani Group की ओर से 413 पन्नों में स्पष्टीकरण दिया गया था. समूह ने अपने जवाब में कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप ‘झूठ के अलावा कुछ नहीं’ है. दस्तावेज चुनिंदा गलत सूचनाओं का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है, इसमें एक खास उद्देश्य से ग्रुप को बदनाम करने के लिए निराधार आरोप लगाए गए हैं. बड़ी संख्या में निवेशकों को नुकसान पहुंचाते हुए शॉर्ट सेलिंग के जरिए मोटा मुनाफा कमाने के लिए हिंडनबर्ग झूठ फैला रहा है. हालांकि, इस स्टेटमेंट के बावजूद हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से निवेशकों के सेंटिमेंट पर पड़े असर के चलते अडानी ग्रुप को भारी-भरकम नुकसान हुआ था.