मुश्किल दौर से गुजर रहे अडानी ग्रुप (Adani Group) के लिए एक अच्छी खबर आई है. मल्टीनेशनल फाइनेंसियल सर्विस जेपी मॉर्गन (JPMorgan) ने कहा है कि अडानी ग्रुप की कंपनियां अभी भी उसके प्रभावशाली बॉन्ड इंडेक्स में शामिल होने के योग्य हैं. एक नोट में ये बात कही गई है. जेपी मॉर्गन ने ये बात तब कही है जब अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है. हालांकि, मंगलवार को ग्रुप के शेयरों में थोड़ी सुधार देखने को मिली.
अडानी ग्रुप की वैल्यू
जेपी मॉर्गन के कॉरपोरेट इमर्जिंग मार्केट बॉन्ड इंडेक्स (CEMBI) और एशिया क्रेडिट इंडेक्स (JACI) इंडेक्स में समूह की कुल अनुमानित वैल्यू 7.7 बिलियन डॉलर है. CEMBI उभरते बाजार कॉरपोरेशन द्वारा जारी किए गए डॉलर कर्ज को ट्रैक करता है, जबकि JACI एशिया फिक्स्ड-रेट डॉलर बॉन्ड मार्केट के कुल रिटर्न प्रदर्शन को ट्रैक करता है. अडानी डॉलर बांड जेपी मॉर्गन के ईएसजी ग्लोबल कॉरपोरेट इंडेक्स (JESG) का हिस्सा बनने के लिए योग्य बना हुआ है.
जेपी मॉर्गन ने अपने नोट में कहा कि हम सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं और लिक्विडिटी की निगरानी जारी रखते हैं और बाजार में व्यवधान या डिफॉल्ट की पुष्टि करते हैं.
गिरवी रखे शेयरों को छुड़ाने का ऐलान
अडानी ग्रुप की कंपनियों के प्रमोटर्स ने अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन के कुछ गिरवी रखे शेयरों को समय से पहले छुड़ाने के लिए 1.14 अरब डॉलर का भुगतान किया है. अडानी ग्रुप ने कहा है कि हाल में बाजार में आए उतार-चढ़ाव और अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में प्रमोटर के लीवरेज में कटौती करने की प्रमोटर्स की प्रतिबद्धता के तहत ये फैसला लिया है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से भारी नुकसान
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली. 24 जनवरी को सामने आई रिपोर्ट के 10 दिनों के भीतर अडानी ग्रुप की कंपनियों के मार्केट में कैप में करीब 10 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई. ग्रुप के सभी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई. हालांकि, मंगलवार से शेयरों में थोड़ी सुधार देखने को मिल रही है.
हिंडनबर्ग के आरोप पर अडानी ग्रुप ने जवाब देते हुए कहा था कि रिपोर्ट ‘झूठी धारणा बनाने’ की ‘छिपी हुई मंशा’ से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी फर्म को वित्तीय लाभ मिल सके. अडानी ग्रुप ने कहा कि इन 88 सवालों में से कई ऐसे हैं, जो कोई नई बात नहीं बताते. ये सिर्फ उन पुरानी बातों को फिर से दोहरा रहे हैं, जो न्यायिक प्रक्रिया में गलत साबित हो चुके हैं.