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अडानी समूह के शेयरों में एक साल में जबरदस्त उछाल, क्यों उठाए जा रहे सवाल? 

Adani समूह की 6 कंपनियों के शेयरों में जनवरी 2020 से 11 जून 2021 के बीच 122 से 819 फीसदी तक का उछाल आया है, जबकि इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 27 से 30 फीसदी की बढ़त हुई है. 

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अडानी समूह के शेयरों में एक साल में जबरदस्त बढ़त
अडानी समूह के शेयरों में एक साल में जबरदस्त बढ़त
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अडानी समूह के शेयरों में एक साल में जबरदस्त बढ़त
  • शेयर बाजार के औसत से कई गुना है इनमें उछाल

अडानी समूह के शेयरों में हाल के दिनों में उतार-चढ़ाव दिख रहा है, लेकिन पिछले एक साल में इस समूह के शेयरों में जबरदस्त उछाल आया है. इसकी वजह से Adani Group के चेयरमैन गौतम अडानी के नेटवर्थ में भी एक साल में जबरदस्त बढ़त हुई है. अडानी समूह के शेयरों में इस भारी बढ़त को कुछ जानकार संदेह की नजर से देख रहे हैं. 

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अडानी समूह की शेयर बाजार में 6 कंपनियां लिस्टेड हैं. इनमें से पांच कंपनियों के शेयर 11 जून तक एक साल में 10 गुना बढ़ गए थे. अडानी पावर के अलावा बाकी प्रत्येक कंपनी का मार्केट कैप 11 जून तक 1.7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया था. सभी छह कंपनियों का मार्केट कैप 9.5 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया.

इसकी वजह से गौतम अडानी एशिया के दूसरे सबसे धनी व्यक्ति बन गए. उनका अपना नेटवर्थ भी बढ़कर 77 अरब डॉलर तक पहुंच गया. लेकिन 14 जून को अडानी समूह में निवेश करने वाले एफपीआई के बारे एनएसडीएल की कार्रवाई के बारे में एक खबर ने इसके शेयरों को नुकसान पहुंचाया. इसके बाद से इसके शेयरों में उतार-चढ़ाव दिख रहा है. 

असामान्य है भारी उछाल!

अडानी समूह के शेयरों में पिछले एक साल में आया भारी उछाल असामान्य है. समूह के शेयरों में जनवरी 2020 से 11 जून 2021 के बीच इसके शेयरों में 122 से 819 फीसदी तक का उछाल आया है, जबकि इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में क्रमश: 27 से 30 फीसदी की बढ़त हुई है. 

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इस बारे में हमारी सहयोगी वेबसाइट बिजनेस टुडे द्वारा पूछे गए सवालों का अभी अडानी ग्रुप से कोई जवाब नहीं आया है. लेकिन हाल के ग्रुप के बयानों से जो वजह सामने आती है, उसमें ऐसा लगता है कि ग्रुप की कंपनियों के ​पिछले एक साल में जबरदस्त प्रदर्शन की वजह से शेयर के दाम बढ़ते जा रहे हैं. अडानी पोर्ट्स ऐंड एसईजेड ने 247 मीट्रिक टन कार्गो की हैंडलिंग की है जो इसके इंडस्ट्री औसत के मुकाबले तीन गुना ज्यादा सालाना ग्रोथ दिखाता है. इसी तरह बाकी कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन अच्छा रहा है. 

लेकिन इंडस्ट्री के जानकारों को अडानी के शेयरों में इतना उछाल पच नहीं रहा और वे ग्रुप की कंपनियों के उछाल पर सवाल उठा रहे हैं. एनएसडीएल द्वारा अडानी समूह में निवेश करने वाले एफपीआई के खातों पर रोक की मीडिया में खबरें आने के बाद से ग्रुप का वैल्यूएशन करीब 1 लाख करोड़ रुपये घट गया. यह तब है जब अडानी और एनएसडीएल दोनों ने इस खबर को निराधार बताया. इसके बाद 14 जून से 17 जून के सिर्फ चार दिन के भीतर गौतम अडानी का अपना नेटवर्थ 10 अरब डॉलर घट गया और वह एशिया में धनी लोगों की सूची में दूसरे से तीसरे पायदान पर खिसक गए.  

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जरूरत से ज्यादा वैल्यूएशन!

कुछ जानकारों का कहना है कि शेयरों की कीमत में यह गिरावट वाजिब है, क्योंकि समूह की कंपनियां अपने समकक्ष दूसरी कंपनियों के मुकाबले काफी ओवरवैल्यूड हो गई थीं. उदाहरण के लिए अडानी पावर, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन के शेयरों में पिछले एक साल में 200 से 600 फीसदी की बढ़त हुई है. इनका मार्केट कैप कुल मिलाकर 4 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया.

दूसरी तरफ, इन तीनों कारोबार में सक्रिय टाटा पावर कंपनी (TPCL) के शेयर में एक साल में करीब 200 फीसदी की बढ़त हुई है, लेकिन उसका मार्केट कैप महज 40 हजार करोड़ रुपये रहा. इसी तरह JSW एनर्जी के शेयर में 235 फीसदी की बढ़त हुई और उसका मार्केट कैप महज 27,000 करोड़ रुपये रहा. 

संदिग्ध चलन

सूत्र इस ट्रेंड को ​लेकर चिंतित हैं जिसमें प्रमोटर अपने कुछ दोस्तों और दोस्ताना संगठनों के साथ मिलकर पसंदीदा कंपनियों के शेयरों की मांग बढ़ा देते हैं. शेयर बाजार के एक ऑपरेटर ने कहा, 'आमतौर पर प्रमोटर अपने मित्रवत संगठनों को निश्चित रिटर्न का प्रलोभन देकर अपनी कंपनियों में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इन शेयरों की खरीद से अगर नुकसान होता है तो प्रमोटर उसकी भरपाई भी करते हैं.' 

Nestor कैपिटल कंसल्टिंग के मैनेजिंग पार्टनर संजय सेठी का मानना है कि अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में ज्यादा हलचल छोटे निवेशकों की हर्ड मेंटलिटी की वजह से है. हालांकि उनका कहना है कि, 'बाजार को ऐसा लगता है कि अडानी समूह की कंपनियों की फंडिंग अच्छी है और मंंदे बाजार में भी यह समू​ह इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट की सबसे बड़ी खरीद करने वालों में से है.' 

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(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित) 

 

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