अडानी विल्मर (Adani Wilmar) और पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) के शेयरों में एक महीने में 29 फीसदी तक की तेजी आई है. कुछ दिन में शुरू हो रहे त्योहारी सीजन में इन कंपनियों को प्रोडक्ट की मांग मार्केट में बढ़ सकती है. इस वजह से खाद्य तेल और पैकेज्ड खाद्य प्रोडक्ट की मांग में बढ़ोतरी देखी जा सकती है. इसके चलते ही दोनों कंपनियों के शेयरों में आगे भी उछाल आने की उम्मीद जताई जा रही है. अडानी विल्मर और पतंजलि फूड्स दोनों ही निवेशकों की टॉप पसंदीदा स्टॉक्स हैं. दोनों ने ही बाजार में अपनी लिस्टिंग के बाद मल्टीबैगर रिटर्न दिया है.
अडानी विल्मर के शेयर में तेजी
अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विल्मर की शेयर मार्केट में एंट्री के बाद इसके शेयरों में अब तक 280.54 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. फरवरी 2022 में अडानी विल्मर के शेयर 221 रुपये पर लिस्ट हुए थे और अब 841 रुपये पर ऊपर ट्रेड कर रहा है. अडानी विल्मर का स्टॉक इस साल 28 अप्रैल को 878.35 रुपये तक पहुंचा था, जो इसका ऑल टाइम हाई प्राइस है.
पतंजलि फूड्स के शेयर ने भी कराई कमाई
दूसरी ओर पतंजलि फूड्स के शेयर की रिलिस्टिंग 27 जनवरी 2020 को 16.10 रुपये पर हुई थी. आज पतंजलि फूड्स के शेयर 1,493 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे. बाबा रामदेव की अगुवाई वाली कंपनी पतंजलि फूड्स का शेयर 22 सितंबर (पिछले सत्र) को 1,495 रुपये के अपने ऑल टाइम हाई प्राइस लेवल पर पहुंचा था. बीते पांच सालों की बात करें तो इसने निवेशकों को 5,400 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है.
दोनों ही शेयरों में शुक्रवार को गिरावट
इन दोनों कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई. अडानी विल्मर के 812 रुपये पर बंद हुआ. कंपनी के कुल 8.46 लाख शेयरों ने हैंड चेंज किए और 69.72 करोड़ रुपये का कारोबार किया. बीएसई पर कंपनी का मार्केट कैप फिलहाल 1.05 लाख करोड़ रुपये है. दूसरी ओर पतंजलि फूड्स के शेयर बीएसई पर 3.31 प्रतिशत गिरकर 1,432 रुपये पर आ गए.
पतंजलि फूड्स के शेयर में एक साल में 39 फीसदी की तेजी आई है. हालांकि, 2022 में शेयर में 69.83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. फर्म के कुल 0.31 लाख शेयरों हैंड चेंज कर 4.48 करोड़ रुपये का कारोबार किया. फर्म का मार्केट कैप आज बीएसई पर 52,378 करोड़ रुपये पर आ गया. दोनों ही शेयर रिकॉर्ड तेजी के साथ कारोबार कर रहे है. ऐसे में निवेशकों को त्योहारी सीजन में दोनों कंपनियों के शेयरों में से किस पर दांव लगाना चाहिए?
कब खरीदें पतंजलि फूड्स के शेयर?
टिप्स2ट्रेड्स की सह-संस्थापक और ट्रेनर पवित्रा शेट्टी का मानना है कि मौजूदा स्तर पर दोनों शेयरों में भारी खरीदारी हुई है. निवेशकों को मुनाफा कमाना चाहिए. उनका कहना है कि पतंजलि फूड वैल्यूएशन मेट्रिक्स में अडानी विल्मर की तुलना में लगभग आधा है.
अडानी विल्मर अपनी पैरेंट कंपनी के नाम के साथ बेहतर ऑपरेटिंग मार्जिन के साथ लॉन्ग टर्म के लिए दांव लगाने वालों के लिए बेहतर नजर आ रहा है. फिलहाल दोनों ही कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त खरीदारी हुई है. इसलिए निवेशकों को मुनाफा बटोरना चाहिए. नई खरीदारी के लिए पतंजलि फूड्स में 1210 और अडानी विल्मर में 700-710 के करीब की गिरावट क इंतजार करें.
दोनों में से किसे चुनें?
GCL के सीईओ रवि सिंघल का मानना है कि पतंजलि फूड्स के शेयरों को खरीदने के लिए मौजूदा समय बेहतरीन हैं. सिंघल ने कहा, 'दोनों शेयर लगातार मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं. लेकिन पंतजलि का प्रोडक्ट लाइन अडानी विल्मर से कहीं अधिक बेहतर है. वैल्यूएशन के मामले में पतंजलि भी शानदार लग रहा है. पतंजलि का एक साल का टार्गेट प्राइस 1,700 रुपये है.'
वेंचुरा सिक्योरिटीज के रिसर्च प्रमुख विनीत बोलिंजकर भी दोनों कंपनियों में से पतंजलि फूड्स की तरफ हैं. बोलिंजकर ने कहा, 'हम मानते हैं कि पतंजलि फूड्स के शेयर कंपनी के विविध प्रोडक्ट पोर्टफोलियो के कारण अडानी विल्मर की तुलना में खरीदारी के लिए बेहतर ऑप्शन हैं. दोनों शेयरों के बीच वैल्यूएशन अंतर के अलावा अडानी विल्मर की तुलना में रुचि सोया में बेहतर उछाल की संभावना है.
रुचि सोया का बदला नाम
Baba Ramdev के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद ने साल 2019 में रुचि सोया को रेजोल्यूशन प्रोसेस के तहत 4,350 करोड़ रुपये में खरीदा था. ये कंपनी पहले से ही शेयर मार्केट में लिस्टेड थी. इस बीच इसी साल 2022 में बाबा रामदेव ने कंपनी का नाम रुचि सोया (Ruchi Soya) से बदलकर पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) कर दिया. (नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)