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कंगाल हो रहे पाकिस्तान का 'रुपया' भी नहीं दे रहा साथ, हर दिन हो रहा बुरा हाल

अब तक के सबसे बुरे संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की हालत हर रोज बिगड़ रही है. डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में भारी गिरावट आई है. लगातार कम हो रहे विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से पाकिस्तान पर डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है.  

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डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में बड़ी गिरावट.
डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में बड़ी गिरावट.

आर्थिक संकट से जूझते पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) के लिए हर दिन नई मुसीबत लेकर आ रहा है. कर्ज में डूबे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने की कगार पर है. इस वजह से वो तमाम जरूरत की चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है. दूसरी तरफ पाकिस्तानी रुपया (Pakistan Rupee) हर दिन गिरावट के नए रिकॉर्ड बना रहा है. भारी सकंट में फंसे पाकिस्तान को उसके रुपये ने अब नया झटका दिया है. दरअसल, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी करेंसी में शुक्रवार को जबरदस्त गिरावट आई है. अमेरिकी करेंसी के मुकाबले ये 262.6 रुपये पर पहुंच गया. 

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लगातार आ रही गिरावट

शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 2.73 फीसदी गिर गया. अब एक डॉलर की वैल्यू पाकिस्तानी रुपये में 262.6 रुपये हो गई है. बुधवार को पाकिस्तानी रुपया 230 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. गुरुवार को ये टूटकर 255 रुपये के स्तर पर आ गया. लगातार कमजोर होती करेंसी नकदी और उच्च महंगाई का सामना कर रहे पाकिस्तान की हालत और खराब कर रही है. हालात में सुधार से लिए पाकिस्तान दूसरे देशों और इंटरनेशनल एजेंसियों के सामने हाथ फैला रहा है. लेकिन अभी तक किसी कुछ भी खास मदद नहीं मिली है.

मदद के लिए हाथ फैला रहा पाकिस्तान

हालांकि, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) कठिन शर्तों पर फंड देने के लिए तैयार हुआ है, जिसे पाकिस्तान मानने के लिए तैयार हो गया है. इसकी वजह से भी पाकिस्तानी रुपया टूट रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि उनका देश IMF की सभी मांगों पर बातचीत के लिए तैयार है. पाकिस्तान लगातार दूसरे देशों के सामने मदद के लिए हाथ फैला रहा है. आयात ठप हो जाने से वहां के लोगों को आटा, चावल और रसोई गैस जैसी जरूरत की वस्तुएं नहीं मिल पा रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, देश में महंगाई (Inflation In Pakistan) 25 फीसदी के करीब है.

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आयात करने में असमर्थ

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 4.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. रिपोर्ट के अनुसार, ये एक महीने के आयात के लिए भी पर्याप्त नहीं है. जरूरी सामानों का आयात करने में असमर्थ पाकिस्तान में आर्थिक संकट के साथ ही बिजली संकट (Pakistan Power Crisis) भी गहरा गया है.

यही नहीं पाकिस्तानी बंदरगाहों पर विदेशी कंटेनर भरे पड़े हैं. मगर पेमेंट करने के लाले हैं. इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) में जो हालात बनते जा रहे हैं, वो श्रीलंका (Sri Lanka) की तरह ही नजर आ रहे हैं. फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने श्रीलंका की तरह ही डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है.  

 

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