कोरोना की दूसरी लहर के चलते अप्रैल और मई में कई राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति रही. इसके बावजूद रेटिंग एजेंसी ICRA ने Q1 की जीडीपी ग्रोथ डबल डिजिट में रहने का अनुमान जताया है.
पूरी तरह नहीं हुआ लॉकडाउन
रेटिंग एजेंसी ICRA ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते कई राज्यों ने स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाए. लेकिन ये लॉकडाउन अपने आप में ‘अपूर्ण’ थे. इन स्थानीय लॉकडाउन के हटने के बाद इकोनॉमी में सुधार देखा गया और इसकी वजह से इसने फिर से रफ्तार पकड़ ली है.
Q1 में रहेगी डबल डिजिट ग्रोथ
देश के कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर की वजह से अप्रैल और मई में लॉकडाउन लगाए. इसके बावजूद रेटिंग एजेंसी ICRA का अनुमान है कि अप्रैल-जून अवधि में देश की इकोनॉमी की ग्रोथ रेट डबल डिजिट में रहेगी.?
ICRA का कहना है कि जीडीपी ग्रोथ के 2021-22 की पहली तिमाही में डबल डिजिट ग्रोथ दिखाने की असली वजह 2020-21 की इसी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आना है. 2020-21 के निचले स्तर पर तुलना की वजह से इकोनॉमी की ग्रोथ रेट डबल डिजिट में रहने का अनुमान है.
पिछले साल इतनी गिरी थी इकोनॉमी
पीटीआई की खबर के मुताबिक ICRA ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बीते साल लॉकडाउन की वजह से अप्रैल-जून में देश की इकोनॉमी 23.7% गिर गई थी. पिछले साल इस अवधि में देशव्यापी स्तर पर कड़ा लॉकडाउन रहा था.
RBI को भी 10% से अधिक ग्रोथ का अनुमान
भारतीय इकोनॉमी को लेकर रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर अनुमान जारी किया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि जिस तरह से अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिल रही है. उससे जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाने का कोई कारण नहीं है.
दरअसल RBI ने अप्रैल में मॉनिटरी पॉलिसी के दौरान मौजूदा वित्त-वर्ष में GDP ग्रोथ रेट 10.5 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के असर को देखते हुए पिछले महीने RBI ने मौजूदा चालू वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 10.5 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया था. अब RBI ने फिर से देश की जीडीपी ग्रोथ 10.5% रहने का अनुमान जताया है.
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