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Akasa Air ने दी गुड न्यूज, कहा- लंबी पारी खेलने आए हैं... पायलटों के इस्तीफे पर कानूनी कार्रवाई की मांग

इंटरनेशनल रूट्स पर उड़ान भरने का लाइसेंस मिलना किसी भी एयरलाइन की ग्रोथ के लिए एक बड़ी बात होती है. पिछले साल ही भारत में डोमेस्टिक ऑपरेशंस के लिए मंजूरी मिलने के बाद अकासा ने काफी तेजी से अंतरराष्ट्रीय रुट्स के लिए मंजूरी हासिल की है. 

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अकासा एयर में राकेश झुनझुनवाला का निवेश
अकासा एयर में राकेश झुनझुनवाला का निवेश

भारत की लो कॉस्ट एयरलाइन अकासा एयर को इंटरनेशनल रुट्स पर फ्लाइट्स शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. अनुमान है कि अकासा दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू कर देगी. सबसे पहले ये एयरलाइन मिडिल ईस्ट में अपनी इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू कर सकती है.

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सरकार ने अभी तक ट्रैफिक राइट्स आवंटित नहीं किए हैं. इनके बाद अकासा एयर को संबंधित देशों से मंजूरी लेनी होगी. फ्लाइंग राइट्स सरकार अपने देश की एयरलाइंस को आवंटित करती है. यातायात अधिकारों में सीटों की संख्या या हवाई क्षमता शामिल होती है, जिसकी अनुमति दो देश एक-दूसरे को देते हैं, फिर सरकार इन अधिकारों को देश की एयरलाइंस के बीच साझा करती है.

मिडिल ईस्ट देश होंगे पहले डेस्टिनेशंस
दुबई, दोहा जैसे मुख्य भारत-मिडिल ईस्ट रुट्स पर ट्रैफिक राइट्स का पूरी तरह से इस्तेमाल किया गया है. एयरलाइंस उन्हें आवंटित की गई उड़ानों से ज्यादा फ्लाइट्स ऑपेरट नहीं कर सकती हैं. इंटरनेशनल रूट्स पर उड़ान भरने का लाइसेंस मिलना किसी भी एयरलाइन की ग्रोथ के लिए एक बड़ी बात होती है. पिछले साल ही भारत में डोमेस्टिक ऑपरेशंस के लिए मंजूरी मिलने के बाद अकासा ने काफी तेजी से अंतरराष्ट्रीय रुट्स के लिए मंजूरी हासिल की है. 

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अंतरराष्ट्रीय रूट्स में ज्यादा मुनाफा
देश के मुकाबले विदेशों में फ्लाइट्स ऑपरेट करना किसी भी एयरलाइन के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है. इसकी वजह है कि इंटरनेशनल रुट्स पर दूसरे एयरलाइंस से कम कंपटीशन होता है. इसके साथ ही विमान का भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल होता है क्योंकि ये प्लेन लंबे रुट्स पर उड़ान भरते हैं. इससे ईंधन से लेकर साफ सफाई तक के काम में बचत होती है. 

पहले 5 साल में मिलती थी इंटरनेशनल फ्लाइट की मंजूरी 
एयरलाइंस को पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के लिए देश में कम से कम 5 साल तक फ्लाइट्स ऑपरेट करने का अनुभव होना जरुरी था. इसके साथ ही 20 विमानों की फ्लीट होना भी अनिवार्य था. इन शर्तों के पूरा होने के बाद ही किसी भी एयरलाइन को इंटरनेशनल रुट्स के लिए उड़ान भरने की मंजूरी दी जाती थी. पिछले महीने ही अकासा एयर के बेड़े में 20वां विमान शामिल किया गया था, जिसके बाद एक शर्त को इस बजट एयरलाइन ने पूरा कर लिया था. हालांकि 5 साल के अनुभव की जरुरत 2016 में एक नई सिविल एविएशन पॉलिसी लॉन्च करके हटा दी गई थी.

दिसंबर तक 100 से ज्यादा विमानों का ऑर्डर देगी अकासा! 
अकासा एयर के फाउंडर और सीईओ विनय दुबे ने कहा है कि हम भारत से दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व के भीतर 737 मैक्स की रेंज वाले रुट्स पर उड़ान भरने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एयरलाइन इस साल के आखिर तक तीन अंकों का नए विमानों का ऑर्डर देने जा रही है. 

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एयरलाइन बंद करने की खबरों को CEO ने खारिज किया 
अकासा एयर को इंटरनेशनल फ्लाइट्स की मंजूरी उस समय मिली है जब 43 पायलटों के एक साथ इस्तीफा देने से इसकी सैकड़ों उड़ाने रद्द हो गई हैं. इस मामले को अकासा कोर्ट में ले गई है और इन पायलटों पर बगैर नोटिस एयरलाइन छोड़ने के मामले में कार्रवाई की मांग कर रही है. इन पायलटों ने अकासा की प्रतिद्ंवदी एयर इंडिया एक्सप्रेस को ज्वाइन किया है. एयरलाइन ने 6 से 12 महीने तक के नोटिस को पूरा किए बिना कंपनी छोड़ने के लिए इन पायलटों से 22 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है. पायलटों के इस्तीफे की वजह से पिछले तीन महीनों में करीब 700 उड़ानों को रद्द करना पड़ा है. 

इस बीच अकासा के CEO विनय दुबे ने साफ किया है कि इस संकट के चलते एयरलाइन के ऑपरेशन बंद होने का सवाल ही नहीं पैदा होता है. उन्होंने दावा किया है कि अकासा यहां पर लंबे समय तक टिकने के लिए आई है. एयरलाइन ने दावा किया है कि हमारे पास प्रशिक्षण के अलग अलग फेज में 30 से ज्यादा विमान उड़ाने के लिए काफी पायलट हैं.

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