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अब खाद-बीज किसानों के घर तक पहुंचाएगी Amazon, सोशल मीडिया पर उठे सवाल

ऐमजॉन इंडिया (Amazon India) ने खाद, बीज, कृषि उपकरण जैसे खेती-किसानी से जुड़े करीब 8 हजार उत्पादों की online बिक्री शुरू की है. सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों में कहा जा रहा है कि सरकार ने खाद-बीज के बाजार को ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए खोल दिया है.

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Amazon ने किसान स्टोर की शुरुआत की (फाइल फोटो)
Amazon ने किसान स्टोर की शुरुआत की (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एमेजॉन ने लॉन्च किया है किसान स्टोर
  • किसानों को घर बैठे मिलेंगे कई प्रोडक्ट

ऐमजॉन इंडिया (Amazon India) ने खाद, बीज, कृषि उपकरण जैसे खेती-किसानी से जुड़े करीब 8 हजार उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री शुरू की है. गुरुवार को खुद कृषि मंत्री कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने एमेजॉन के इस किसान स्टोर का उद्घाटन किया. इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. 

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इस कदम के द्वारा सरकार ने खाद-बीज के बाज़ार को ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए खोल दिया है. एमेजॉन का दावा है कि इस लॉन्च के साथ, देश भर के किसानों को उनके दरवाजे पर डिलीवरी की सुविधा के साथ, किफायती कीमतों पर उर्वरक, बीज, कृषि उपकरण और एक्सेसरीज, प्लांट प्रोटेक्शन, न्यूट्रिशन आदि जैसी कृषि से जुड़ी वस्तुएं आसानी से उपलब्ध होंगी. 

किसान हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, तमिल और मलयालम सहित पांच भारतीय भाषाओं में से किसी में Amazon.in पर खरीदारी कर सकते हैं. किसान देश भर में मौजूद 50,000 से अधिक ऐमजॉन ईजी स्टोर्स पर भी जा सकते हैं. ऐमजॉन ईजी स्टोर के मालिक किसानों को प्रॉडक्ट खोजने, उनके पसंद के उत्पाद की पहचान करने, उनका ऐमजॉन अकाउंट बनाने, ऑर्डर देने और खरीदारी में मदद करेंगे.

क्या कहा कृषि मंत्री ने 

लॉन्च के मौके पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ' उम्मीद है कि ऐमजॉन इंडिया की पहल डिजिटल अर्थव्यवस्था के आधुनिक दौर में भारतीय किसानों को शामिल करने, कृषि उपज की उत्पादकता बढ़ाने, लॉजिस्टिक्स उद्योग जैसी सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर किसानों और खेती-किसानी से जुड़े लोगों के लिए लाभकारी साबित होगी.' 

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क्यों उठ रहे सवाल 

एक तरफ देश में किसान तीन कानूनों को खत्म करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ खुद कृषि मंत्री एक विदेशी रिटेल चेन द्वारा खाद-बीज जैसे जरूरी सामान की बिक्री के लिए स्टोर की शुरुआत कर रहे हैं. इसको लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. 

एक फेसबुक यूजर अजित सिंह लिखते हैं, 'खाद-बीज भी ई-कॉमर्स के हवाले. जो यूरिया इफको 266.50 रुपये का 45 किलो बेचती है, Amazon पर वह 199 रुपये का एक किलो बिक रहा है. क्या यह उर्वरक की खुलेआम कालाबाजारी नहीं है? एमेजॉन के किसान स्टोर पर खाद-बीज की बिक्री का शुभारंभ खुद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया है.

क्या किराने का सामान बेचने और फर्टिलाइजर बेचने में कोई फर्क नहीं है? क्या यूरिया जैसे आवश्यक उर्वरक को कोई भी कंपनी मनचाहे दाम पर बेच सकती है? इसके लिए किसी लाइसेंस की ज़रूरत नहीं है? लगता है अब खाद-बीज वालों के अच्छे दिन आने वाले हैं. सरकार ने खाद-बीज के बाज़ार को ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए खोल दिया है. वह भी किसी चर्चा और नफे-नुकसान का आकलन किए बिना. कृषि कानूनों के मामले में भी ऐसा ही हुआ था.' 

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एक ट्विटर यूजर जितेंदर कहते हैं, 'जो पूछते है किसान आदोंलन क्यों करते है वो इसलिए करते है कि जिस यूरिया को इफको 266.5 का 45kg किसानों को बेचती है, एमेजॉन पर वह 199 रुपये का 1kg बिक रहा है. एमेजॉन के स्टोर पर खाद-बीज की बिक्री का शुभारंभ खुद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने किया. 

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