दुनिया भर के लिए एक राहत भरी खबर आई है, अमेरिका ऐन मौके पर शटडाउन (US Shutdown) से बच गया है. यूएस कांग्रेस (US Congress) ने डेडलाइन खत्म होने से पहले आखिरी क्षणों में फंडिग बिल पास कर दिया. बता दें कि US Funding Bill पास न होने की स्थिति में अमेरिकी सरकार को शटडाउन का ऐलान करना होता और इसके बाद 33 लाख कर्मचारियों की सैलरी पर संकट के साथ ही और भी परेशानियां पैदा हो जातीं, जो कहीं न कहीं दुनियाभर को प्रभावित करतीं.
बिल के पक्ष में 88, विपक्ष में 9 वोट
US Congress के सांसदों ने शनिवार को आधी रात की समय सीमा के कुछ घंटों पहले ही अमेरिका को शटडाउन से बचाने के लिए बिल पास किया. डेमोक्रेटिक के बहुमत वाले सीनेट में स्टॉपगैप फंडिंग बिल के पक्ष में कुल 88 वोट हासिल हुए, जबकि बिल के खिलाफ 9 सीनेटरों ने वोट दिया. फंडिंग बिल के खिलाफ वोट देने वाले सभी सीनेटर रिपब्लिकन पार्टी के थे. इसके पास होने के साथ ही अमेरिका पर से शटडाउन का खतरा भी टल गया. कांग्रेस में पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति जो बिडेन के पास भेजा गया, जिन्होंने इस पर हस्ताक्षर कर दिए.
30 सितंबर थी इस काम की डेडलाइन
अमेरिका में इस फंडिंग बिल को पास कराने के लिए डेडलाइन 30 सितंबर थी और देश में राजनीतिक घमासान के बीच इसके पास होने पर संदेह जताया जा रहा था. US Shutdown का सीधा मतलब है कि वहां पर तमाम तरह के सरकारी काम-काज ठप पड़ जाते. इसकी वजह ये है कि सरकार को इन कामों और जरूरी स्कीम्स को जारी रखने के लिए जो पैसे की जरूरत होती है, उसे वह कर्ज के तौर पर लेती है. इस कर्ज के लिए अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी चाहिए होती है. लेकिन यहां पेंच ये फंसता है कि कांग्रेस की मंजूरी के लिए पहुंचने से पहले पक्ष और विपक्ष यानी डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी में आपसी सहमति जरूरी है.
इस बार भी असमंजस की स्थिति थी, क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी कुछ सरकारी स्कीम्स और खर्चों पर अड़ियल रुख अपनाकर आपत्ति जता रही थी. इसके साथ ही विपक्ष अमेरिका पर लगातार बढ़ रहे कर्ज का हवाला देते हुए अपनी मांगों पर अड़ा हुआ था.
अमेरिका पर बढ़कर 33 ट्रिलियन डॉलर हुआ कर्ज
बीते कुछ दिनों से अमेरिका में शटडाउन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था और अगर ऐसा होता तो पहले से बैंकिंग संकट (America Banking Crisis) समेत दूसरी चुनौतियों के जूझ रही US Economy के लिए ये एक बड़ा झटका होता. अमेरिका पर कर्ज (Debt On US) बढ़कर 33 ट्रिलियन डॉलर के पार निकल गया है. बीते एक तिमाही में इसमें 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का इजाफा हुआ है. विपक्ष भी लगातार ये कह रहा है कि सरकार पर कर्ज बहुत ज्यादा है और ये देश की GDP से भी अधिक हो गया है. इतने कर्ज के साथ इकोनॉमी आगे बढ़ने से आने वाले समय में अर्थव्यवस्था के लिए खतरा होता है.
शटडाउन होता तो क्या होता?
अगर ये बिल डेडलाइन तक पास नहीं होता, तो फिर 1 अक्टूबर को अमेरिकी सरकार शटडाउन का ऐलान करती. Shutdown का मतलब दूसरे शब्दों में ये है कि देश में कोई फंडिंग कानून नहीं बनाया जा सकता, ऐसे में संघीय एजेंसियों को अपने सभी गैर-जरूरी काम-काज पर ब्रेक लगाना होता है. साफ है कि US Govt एजेंसियों और सरकारी कामकाज के लिए पर्याप्त फंडिंग पास करने में असमर्थ हो जाती है, तो ऐसी स्थिति देश की इकोनॉमी के लिए संकट पैदा करती, ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है.
अमेरिका में शटडाउन का सबसे ज्यादा असर देश के 33 लाख कर्मचारियों पर होता होता है. इनमें करीब 20 लाख कर्मचारी सिविल सर्विसेज के और 13 लाख डिफेंस एंप्लाईज प्रभावित होते. दरअसल, फंडिंग की कमी के कारण सरकार को अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के भी लाले पड़ जाएंगे. सरकारी काम-काज रुकने से देश में संचालित कई योजनाएं रुक जातीं. हालांकि, शटडाउन की स्थिति में अत्यावश्यक सेवाएं जारी रहती हैं, लेकिन नई स्कीम्स पर पूरी तरह से विराम लग जाता है.