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कोरोना की सेकेंड वेव में कराने बेड़ा पार, मदद के लिए एयरलाइंस पहुंची सरकार के द्वार

देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के प्रकोप से एयरलाइंस उद्योग को भी डर लग रहा है. कोरोना की इस दूसरी लहर के बीच उन्होंने सरकार से बेड़ा पार करने की गुहार लगाई है और एक बार फिर वित्तीय मदद की मांग की है.

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एविएशन सेक्टर पर कोरोना की बुरी मार पड़ी है (सांकेतिक फोटो)
एविएशन सेक्टर पर कोरोना की बुरी मार पड़ी है (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एयरलाइंस कंपनियों ने की एविएशन सेक्रेटरी से मुलाकात
  • पिछले साल सरकार ने नहीं मानी थी मदद की मांग

देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के प्रकोप से एयरलाइंस उद्योग को भी डर लग रहा है. कोरोना की इस दूसरी लहर के बीच उन्होंने सरकार से बेड़ा पार करने की गुहार लगाई है और एक बार फिर वित्तीय मदद की मांग की है.

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सता रहा प्रतिबंधों का डर
कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे देश में कई राज्यों में आवाजाही को लेकर रोक लगनी शुरू हो गई है. ऐसे में एयरलाइंस कंपनियों को उन पर फिर से कई तरह के प्रतिबंध लगने का डर सता रहा है. पिछले लॉकडाउन के बाद से एयरलाइंस कंपनियां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रही हैं और अपनी क्षमता से कम पर उड़ान भर रही हैं. इसलिए अधिकतर कंपनियों ने अब सेकेंड वेव के दौरान सरकार से वित्तीय मदद की गुहार लगाई है.

एविएशन सेक्रेटरी से मुलाकात की
एएनआई की खबर के मुताबिक एयरलाइंस कंपनियों ने हाल में देश के नागर विमानन सचिव (एविएशन सेक्रेटरी) से मुलाकात की है. एक एयरलाइन कंपनी के अधिकारी ने बताया, ‘सभी एयरलाइंस के  के वरिष्ठ अधिकारियों ने एविएशन सेक्रेटरी से मुलाकात की और एविएशन सेक्टर के हालातों से अवगत कराया. हमने कोरोना की दूसरी लहर के बीच सरकार से वित्तीय मदद की गुहार लगाई है.’

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पिछले साल भी मांग की थी
लॉकडाउन और उसके बाद की स्थितियों से उबरने के लिए एयरलाइंस कंपनियों ने सरकार से वित्तीय मदद देने की मांग रखी थी. लेकिन तब सरकार ने मना कर दिया था. एविएशन सेक्टर कोरोना वायरस का सबसे अधिक प्रकोप झेलने वाले क्षेत्रों में से एक है. इसने सेक्टर में जहां यात्रियों की संख्या को कम किया है, वहीं कारगो मांग भी कम हुई है. जबकि एयरपोर्ट पर कर्मचारियों और रेवेन्यू में कमी आई है.

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