महाभारत का अर्जुन के मछली की आंख में तीर मारने वाला प्रसंग, भारत के लोगों के लिए सदियों से सफलता का अचूक सूत्र रहा है. अब आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने मछली पकड़ने का एक ऐसा ही वीडियो शेयर किया है जो सक्सेसफुल होने का मूल मंत्र सिखाता है.
मछली पकड़ने का कमाल का तरीका
आनंद महिंद्रा ने एक वीडियो ट्वीट (Anand Mahindra Tweet) किया है. इस वीडियो में एक बच्चा तालाब किनारे घिरनी (पतंग उड़ाने वाली चरखी जैसी) लगाकर मछली के कांटे में फंसने का इंतज़ार कर रहा है.
इस वीडियो के बारे में आनंद महिंद्रा ने लिखा है, ‘‘ये वीडियो मेरे इनबॉक्स में बिना किसी संदेश के आया. एक ऐसी दुनिया जहां रोज़ाना उलझनें बढ़ रही हैं, वहां इस वीडियो को देखना सुकून भरा है. ये एक ‘छोटी सी कहानी’ साबित करती है कि प्रतिभा, प्रतिबद्धता और धैर्य से सफलता जरूर मिलती है.’
This showed up in my inbox without commentary. It is strangely calming to watch in an increasingly complex world. A ‘short story’ that proves: Determination + Ingenuity + Patience = Success pic.twitter.com/fuIcrMUOIN
— anand mahindra (@anandmahindra) April 1, 2022
पहले ‘बाल गुरु’ से हुए थे इंस्पायर
आनंद महिंद्रा इससे पहले भी एक बार एक बच्चे का वीडियो शेयर कर चुके हैं. उस वीडियो में एक छोटा बच्चा किसी मोटिवेशनल स्पीकर (Motivational Speaker) की तरह खशुहाल जीवन का मंत्र बता रहा था. आनंद महिंद्रा ने तो उस बच्चे को ‘बाल गुरु’ तक की उपाधि दी थी.
This video’s from 2018. I believe this young man is quoting motivational speaker Prem Rawat. So he’s not a young Guru himself. But when children communicate, their innocence imparts their words with unparalleled power & impact. It’s made me re-examine ‘what I practice’ everyday. pic.twitter.com/PSks1ji8iE
— anand mahindra (@anandmahindra) January 19, 2022
वीडियो में जो बच्चा है वो लोगों से पूछ रहा है कि वे अपनी जिंदगी में किस बात का रोज अभ्यास करते हैं, क्या वे आनंदित होने, शांति रखने और खुश रहने का अभ्यास करते हैं, या वे शिकायत, गुस्सा और चिंता से घिरे हैं. उसका कहना है कि अगर आप शिकायत ही करते हैं तो उसमें इतने अच्छे हो जाते हैं कि उस बात को लेकर भी शिकायत करते हैं कि जिसमें कोई कमी होती ही नहीं. इसी तरह अगर आप जीवन में गुस्सा अपनाते हैं तो आप ‘तुच्छ से तुच्छ’ बात पर भी गुस्सा हो जाते हैं. अगर आपने चिंता को अपना साथी बनाया है तो आप उस भैंस की भी चिंता करते हैं जो आपके पास है ही नहीं. इसलिए मेरा कहना है कि आप आनंदित होइए...
ये भी पढ़ें: