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NSE Co-Location Scam: आनंद सुब्रमण्यम CBI गिरफ्त में, अब क्या अवतार लेंगे अदृश्य योगी?

सीबीआई को भी एनएसई की तरह शक है कि आनंद ही योगी की पहचान यूज कर चित्रा से अपने सारे काम करवा रहा था. सीबीआई को इस बात के सबूत भी मिले हैं कि आनंद को-लोकेशन स्कैम से भी जुड़ा हुआ था.

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आनंद को सीबीआई ने किया गिरफ्तार
आनंद को सीबीआई ने किया गिरफ्तार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अज्ञात योगी के कहने पर सारे काम करती थीं चित्रा
  • अज्ञात योगी ने ही दिया था आनंद को नौकरी का निर्देश

एनएसई (NSE) के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramanian) को सीबीआई (CBI) ने चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है. आनंद को एनएसई को-लोकेशन स्कैम (NSE Co-Location Scam) को लेकर गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि आनंद को इस स्कैम के बारे में जानकारी है, लेकिन वह सहयोग नहीं कर रहा है. जांच अधिकारी उससे अज्ञात योगी और एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra RamaKrishna) के बीच हुई बातचीत के बारे में अधिक जानकारी मांग रहे थे.

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सीबीआई को आनंद पर ही योगी होने का शक

सीबीआई ने आनंद को उसके चेन्नई वाले घर से गुरुवार को गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आनंद को जांच में सहयोग नहीं करने के चलते गिरफ्तार किया गया है. उसे पहले दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय ले जाया जाएगा. वहां से सीबीआई उसे न्यायिक हिरासत में लेने के लिए अदालत में पेश करेगी. सीबीआई को शक है कि चित्रा को ईमेल पर सारे काम बताने वाला अज्ञात योगी कोई और नहीं बल्कि आनंद ही है.

अज्ञात योगी के बारे में चित्रा ने कहा था ये

बाजार नियामक सेबी (SEBI) को 2016 में एनएसई में अनियमितता की शिकायत मिली थी. इसके बाद नियामक ने इसकी जांच शुरू की तो पता चला कि एनएसई की तत्कालीन सीईओ एवं एमडी चित्रा रामकृष्ण किसी अज्ञात योगी के इशारे पर सारे फैसले ले रही थी. इस मामले में सेबी ने 6 साल की जांच के बाद इस महीने ऑर्डर जारी किया. जांच के दौरान जब सेबी ने चित्रा से योगी के बारे में पूछा था तो एनएसई की पूर्व सीईओ ने कहा था कि वह एक रूहानी ताकत हैं, जो हिमालय में विचरण करते हैं. चित्रा ने कहा था कि योगी का अपना कोई शरीर नहीं है और वह अपनी इच्छा से कहीं भी प्रकट हो सकते हैं. चित्रा rigyajursama@outlook.com पर ईमेल भेजकर योगी से बातचीत करती थी.

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एनएसई को भी आनंद पर ही शक

ऐसा नहीं है कि पहली बार किसी को यह शक हुआ है कि आनंद ही योगी है. सीबीआई की तरह यह शक एनएसई को भी हुआ था. एनएसई ने सेबी के पास अपने सबमिशन में कहा था कि आनंद ही असल में योगी है और उसने ही ये फेक आइडेंटिटी तैयार की है. एनएसई ने सेबी को 2018 में एक पत्र के जरिए बताया था कि उसके लीगल एडवाइजर्स ने मनोविज्ञान के जानकारों की मदद ली है. इसके बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया है कि आनंद सुब्रमण्यम ने ही अज्ञात योगी की आइडेंटिटी क्रिएट की थी. इस तरह से वह चित्रा रामकृष्णा का फायदा उठा रहा था.

जल्द सामने होगा योगी का असल चेहरा

हालांकि सेबी ने एनएसई की दलील को नहीं माना. सेबी राय में अज्ञात योगी कोई ऐसा इंसान है जो एनएसई के लिए बाहरी है. वहीं कुछ खबरों में ऐसी भी आशंका व्यक्त की गई है कि अज्ञात योगी की पहचान के पीछे वित्त मंत्रालय के किसी बड़े अधिकारी का हाथ है. बहरहाल अब इस मामले में सीबीआई आनंद से और कड़ाई के साथ पूछताछ करने वाली है. संभव है कि अगले चंद दिनों में अज्ञात योगी का असली चेहरा सार्वजनिक हो जाए.

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