कोरोना टाइम में आम आदमी के लिए रोज़गार एक बड़ा सवाल बनकर खड़ा हो गया है. देश में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है. इस बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेक्टर के लिए नई पॉलिसी पेश की है. सरकार को इस नीति से आने वाले 3 साल में बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट ने भी इस पर मुहर लगा दी है.
हजारों इंजीनियरों का सपना होगा साकार
आंध्र प्रदेश सरकार ने बुधवार को नई ‘आंध्र प्रदेश इंन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पॉलिसी 2021-24’ पेश की. इस पॉलिसी से सरकार को आईटी सेक्टर में अगले 3 साल में 55,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है तो इससे कोरोना टाइम के बीच हजारों इंजीनियरों का सपना पूरा होगा. सरकार का कहना है कि वह अपने आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग को एक रिवेन्यू सेंटर में बदलेगी और स्वायत्तता हासिल करने की दिशा में काम करेगी.
पैदा होंगे लाखों अप्रत्यक्ष रोजगार
पॉलिसी नोट के मुताबिक इससे जहां हजारों को लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. वहीं सरकार का लक्ष्य इससे 1.65 लाख से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने का भी है. इसलिए सरकार एक होलिस्टिक एप्रोच अपनाते हुए पूरे इकोसिस्टम का विकास करेगी.
सरकार देगी स्टार्टअप को सपोर्ट
राज्य सरकार ने पॉलिसी में स्टार्ट कल्चर को बढ़ावा देने पर भी ध्यान दिया है. स्टार्टअप के लिए सरकार इंक्यूबेशन सेंटर, वर्कशॉप का आयोजन करेगी. साथ ही प्लग एंड प्ले ऑफिस स्पेस, निवेशकों, मेंटर्स, टैलेंट पूल, और वेंचर कैपिटलिस्ट तक पहुंच उपलब्ध कराने में एंड-2-एंड सपोर्ट करेगी.
कमाएगी हजारों करोड़ का रिवेन्यू
सरकार ने पॉलिसी में हजारों करोड़ रुपये रिवेन्यू कमाने का भी लक्ष्य रखा है. उसे उम्मीद है कि अलग-अलग टैक्स से उसे अगले 10 साल में इससे 783 करोड़ रुपये की राजस्व कमाई होगी. वहीं हजारों लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने से अर्थव्यवस्था में हर साल करीब 2,200 करोड़ रुपये का निवेश भी आएगा.
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