एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के भाई अनिल अंबानी (Anil Ambani) की भारी-भरकम कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को खरीदने की होड़ लगी है. इस कंपनी के लिए कई बड़े कॉरपोरेट ग्रुप्स ने बोली लगाई है और इस रेस में सबसे आगे अहमदाबाद बेस्ड टोरेंट समूह रहा. Torrent Group ने इस गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के अधिग्रहण के लिए 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई है.
Torrent ने लगाई इतनी बोली
पीटीआई के मुताबिक, अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) की बुधवार को रिज्यूलशन प्रोसेस (Resolution Process) के तहत नीलामी प्रक्रिया शुरू हुई थी. इस दौरान जहां टोरैंट ग्रुप ने 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई, तो वहीं अन्य बोलीदाताओं में दूसरे नंबर पर हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) रहा. कॉस्मिया पीरामल प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही इससे बाहर हो गया था.
सीओसी ने तय की थी ये फ्लोर वैल्यू
रिपोर्ट के अनुसार, कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स (COC) ने रिलायंस कैपिटल की नीलामी के लिए 6,500 करोड़ रुपये की फ्लोर वैल्यू तय की थी. सूत्रों ने कहा कि बाद के दौर में इस राशि को क्रमश: 500 करोड़ रुपये और 250 करोड़ रुपये तक बढ़ाना पड़ा. दूसरे और तीसरे राउंड की नीलामी प्रक्रिया के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपये मूल्य निर्धारित कर दिया गया था. इस बीच समाधान प्रक्रिया के तहत हुई इस नीलामी में बोली लगाने वालों में Torrent Group आगे रहा.
नवंबर 2021 में बोर्ड किया गया था भंग
गौरतलब है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के रूप में काम करने वाली अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को बीते साल 29 नवंबर 2021 को बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने Bank Of Maharashtra के पूर्व कार्यकारी निदेशक नागेश्वर राव को प्रशासक नियुक्त कर दिया था. इसके अगले ही दिन केंद्रीय बैंक ने राव की मदद के लिए एक तीन सदस्यीय पैनल भी गठित कर दिया था.
NCLT ने तय की थी ये तारीख
इसके बाद से ही रिलायंस कैपिटल को बेचने की प्रक्रिया शुरू हो गई और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के एक आदेश के अनुसार कर्जदाताओं को 31 जनवरी, 2023 तक रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया पूरी करने का समय दिया गया. ऐसे में बुधवार 21 दिसंबर 2022 को रिज्यूलशन प्रोसेस (Resolution Process) के तहत नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई.