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Anil Ambani: भारी कर्ज में डूबे अनिल अंबानी को मिलेंगे ₹4000 करोड़, जानें कहां से आएगा इतना पैसा

महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के मेट्रो-1 कॉरिडोर में अनिल अंबानी की 74 फीसदी हिस्‍सेदारी खरीदने की मंजूरी दे दी है. इस प्रोजेक्‍ट में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रा (Reliance Infra) की हिस्‍सेदारी है.

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अनिल अंबानी
अनिल अंबानी

भारी कर्ज में डूबे अनिल अंबानी (Anil Ambani) के लिए एक अच्‍छी खबर सामने आई है. महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के मेट्रो-1 कॉरिडोर में अनिल अंबानी की 74 फीसदी हिस्‍सेदारी खरीदने की मंजूरी दे दी है. इस प्रोजेक्‍ट में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रा (Reliance Infra) की हिस्‍सेदारी है. MMRDA रिलायंस इंफ्रा की इस प्रोजेक्‍ट में हिस्‍सेदारी 4000 करोड़ रुपये में खरीदेगी. इस डील के होते ही रिलायंस इंफ्रा इस प्रोजेक्‍ट से बाहर हो जाएगी. 

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मुंबई में 337 किमी लंबे मेट्रो नेटवर्क का कंस्‍ट्रक्‍शन चल रहा है. इसमें 11.4 किमी लंबा मेट्रो-1 कॉरिडोर वर्सोवा-अंधेरी-घाटकोपर के बीच है. यह एक ऐसा कॉरिडोर है, जहां पब्लिक-प्राइवेट दोनों ने बनाया है. इसके लिए एक स्पेशल पर्पज वीकल मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड (MMOPL) बनाई गई थी. इसमें MMRDA की 26 फीसदी और आर-इन्फ्रा की 74 फीसदी हिस्सेदारी है.

रिटायर्ड आईएएस के पैनल ने आंकी कीमत 
सोमवार को राज्य कैबिनेट ने रिटायर्ड IAS अधिकारी और पूर्व मुख्य सचिव जॉनी जोसेफ की एक रिपोर्ट को मंजूरी दे दी, जिसमें आर-इन्फ्रा की 74 फीसदी हिस्सेदारी का प्राइस 4,000 करोड़ रुपये आंका गया. बता दें कि एमएमआरडी-रिलायंस इंफ्रा का ज्‍वाइंट प्रोजेक्‍ट विवादों से भरा रहा है. सबसे अधिक भीड़ वाली मेट्रो होने के बाद भी आर इंफ्रा की अगुवाई वाली MMOPL ने हमेशा घाटे का दावा किया है.

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विवादों से भरा रहा प्रोजेक्‍ट 
एमएमआरडीए ने मेट्रो परिसर के साथ-साथ टिकटिंग संरचना के एमएमओपीएल के दोहन पर भी सवाल उठाया था. इसके अलावा किराया बढ़ाने की एमएमओपीएल की मांग को खारिज कर दिया था. प्रोजेक्‍ट की लागत भी विवादित थी. जबकि MMOPL ने दावा किया कि इसे बनाने में ₹4,026 करोड़ की लागत आई है, MMRDA ने इसका खंडन किया और कहा कि लागत ₹2,356 करोड़ थी. इसके बाद और विवाद बढ़ गया. 

MMOPL ने खरीदारी के लिए सरकार को लिखा था पत्र 
विवाद यहीं तक नहीं रुका बीएमसी ने भी एमएमओपीएल को प्रोपर्टी टैक्‍स का भुगतान करने के लिए कह दिया. इसके बाद 2020 में MMOPL ने राज्य सरकार और MMRDA को पत्र लिखकर उनसे कोविड-19 महामारी के दौरान घाटे के बाद इसकी हिस्सेदारी खरीदने के लिए कहा था. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण बताते हैं कि सिर्फ अधिग्रहण कीमत को लेकर विवाद बढ़ा था.

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