को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) के साथ जारी विवाद के बीच फिनटेक स्टार्टअप भारतपे (BharatPe) का घाटा डबल हो गया है. कंपनी को वित्त वर्ष 2019-20 में 912 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जो लगभग डबल होकर वित्त वर्ष 2020-21 में 1,619 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. कंपनी को यह घाटा ऑपरेशनल रेवेन्यू बढ़ने के बाद भी हुआ है. इस दौरान कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू महज 6 करोड़ रुपये से बढ़कर 119 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
आंकड़ों में सामने आई ये बात
आज तक की सहयोगी वेबसाइट बिजनेस टुडे की एक खबर में बिजनेस इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म Tofler के हवाले से आंकड़े दिए गए हैं. आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में एम्पलॉई इंगेजमेंट पर कंपनी का एक्सपेंस भी ठीक-ठाक बढ़ा है. यह खर्च 2019-20 में महज 28 करोड़ रुपये था, जो साल भर बाद यानी 2020-21 में बढ़कर 75.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इन आंकड़ों से कंपनी के वित्तीय हालात का पता चलता है. ये आंकड़े ऐसे समय सामने आए हैं, जब चंद दिनों पहले ग्रोवर ने आरोप लगाया था कि भारतपे की फाइनेंशियल स्थिति खराब हो रही है.
कंपनी का दावा, इतना रहा रेवेन्यू
हालांकि भारतपे के एक प्रवक्ता ने बिजनेस टुडे को बताया कि कंपनी की वित्तीय स्थिति खराब नहीं है. उन्होंने कहा कि कंपनी के पास अभी 400 मिलियन डॉलर का कैश फ्लो है और भारतपे अभी कोई पूंजी नहीं जुटाने वाली है. कंपनी का मंथली कैश बर्न अभी 4 मिलियन डॉलर है. कंपनी ने ये भी बताया कि मार्च 2022 में समाप्त हुए फाइनेंशियल ईयर में उसका रेवेन्यू करीब 100 मिलियन डॉलर रहा है. इसे अगले फाइनेंशियल ईयर में 300 मिलियन डॉलर करने का लक्ष्य है.
ग्रोवर ने कहा था, नानी याद आ जाएगी
इससे पहले ग्रोवर ने भारतपे के फाइनेंशियल को लेकर कटाक्ष किया था और बोर्ड को नानी याद आ जाने की दुहाई दी थी. ग्रोवर ने Tweet किया था, 'मैंने अभी-अभी सुना कि भारतपे को पहली बार किसी तिमाही में कारोबार सिकुड़ने की स्थिति का सामना करना पड़ा है. रजनीश कुमार (Rajnish Kumar) और सुहैल समीर (Suhail Sameer) के काबिल नेतृत्व में भारतपे को 'मैक्सिमम कैश बर्न' से भी जूझना पड़ा है. चाभी छीनना और हट्टी चलाना, दो अलग-अलग स्किल्स हैं. अब नानी याद आएगी. बाजार ही अल्टीमेट सच और परीक्षा है.'
कर्मचारियों को नहीं मिल पा रही सैलरी
दरअसल पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि स्टार्टअप कंपनी अपने कई कर्मचारियों को कुछ महीनों से सैलरी नहीं दे पा रही है. इसके अलावा ग्रोवर को कंपनी से निकाले जाने के बाद कई कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की बातें भी सामने आई हैं. सैलरी नहीं दे पाने का मामला तो अब पब्लिक हो चुका है और इसे लेकर कंपनी के कई कर्मचारी सोशल मीडिया पर पोस्ट लिख चुके हैं. इस बीच ऐसी भी बातें उठ रही हैं कि भारतपे कंपनी का परफॉर्मेंस खराब हुआ है और स्टार्टअप ग्रोथ से उलट सिकुड़ने लगी है. ग्रोवर ने इसी पर कटाक्ष किया था.