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बुरी खबर... इस बड़ी रेटिंग एजेंसी ने चला दी कैंची, कहा- संकट में है चीन की अर्थव्यवस्था!

Fitch Cut China Rating : रियल एस्टेट समेत समाम सेक्टर्स में संकट से जूझ रहे चीन को लेकर फिच रेटिंग ने अपने आउटलुक में संशोधन किया है. एजेंसी ने China Sovereign Credit Rating को स्थिर से नेगेटिव कर दिया है.

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सालाना ग्रोथ के मामले में भी भारत से बहुत पीछे रह गया चीन
सालाना ग्रोथ के मामले में भी भारत से बहुत पीछे रह गया चीन

एक ओर जहां भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ है, तो वहीं चीन (China) की इकोनॉमी को एक के बाद एक झटका लग रहा है. अब अमेरिका से चीन के लिए एक और बुरी खबर आई है, जो ड्रैगन की टेंशन बढ़ाने वाली है. दरअसल, ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch Ratings) ने देश में रियल एस्टेट सेक्टर समेत अन्य क्षेत्रों में जोखिमों का हवाला देते हुए China के लिए अपने आउटलुक में बदलाव किया है और इसकी Sovereign Credit Rating को स्टेबल से नेगेटिव कर दिया है. 

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रियल एस्टेट संकट का दिखा असर
रेटिंग एजेंसी फिच ने चीन के लिए जोखिमों का हवाला देते हुए और रियल एस्टेट सेक्टर संकट (China Real Estate Crisis) के बीच चीन की सॉवेरन क्रेडिट रेटिंग पर अपने आउटलुक को संशोधित कर स्थिर से नकारात्मक कर दिया है. रेटिंग एजेंसी ने चीन के आउटलुक में बदलाव के पीछे के कारणों का जिक्र करते हुए बताया है कि देश प्रॉपर्टी आधारित ग्रोथ से दूर होता जा रहा है और अनिश्चित आर्थिक संभावनाओं से जूझ रहा है. ये वो सेक्टर है, जिसे चीनी सरकार (China Govt) अधिक टिकाऊ विकास मॉडल के रूप में देखती है और पेश करती है. 

चीन का बढ़ने वाला है कर्ज का बोझ
Fitch ने अपने रिपोर्ट में क्रेडिट रेटिंग घटाने के पीछे तर्क दिया है कि हाल के वर्षों में व्यापक राजकोषीय घाटे और बढ़ते सरकारी कर्ज ने राजकोषीय बफर्स (China Fiscal Buffers) को नष्ट कर दिया है. रेटिंग एजेंसी का मानना है कि राजकोषीय नीति आने वाले वर्षों में विकास को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे चीन पर कर्ज में लगातार बढ़ोतरी हो सकती है.

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सरकारी घाटा 7% के पार निकलेगा!
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में राजकोषीय प्रोत्साहन बढ़ावा दिया जा रहा है, क्योंकि सरकार आर्थिक बाधाओं को दूर करना चाहती है. इन सबके बीच फिच रेटिंग्स ने अनुमान लगाया है कि सामान्य सरकारी घाटा 2023 में 5.8 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में सकल घरेलू उत्पाद का 7.1 प्रतिशत हो जाएगा. इसकी ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2020 से घाटा बहुत अधिक है, जो सकल घरेलू उत्पाद 2015-2019 के औसत का लगभग 3.1 प्रतिशत से दोगुना है.

यहां भी रहेगा भारत से बहुत पीछे
वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स (World Of statistics) ने बीते दिनों विभिन्न देशों के सालाना जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े जारी किए और इस लिस्ट में भी चीन भारत से काफी पीछ है. भारत ने अमेरिका, चीन, जापान और यूके जैसे बड़े देशों को भी पीछे छोड़ दिया है. भारत इन बड़े देशों से भी तेज रफ्तार से ग्रोथ कर रहा है. सालाना GDP Growth को लेकर जारी इस लिस्ट में अमेरिका की सालाना जीडीपी ग्रोथ 1.5%, जापान की 1%, यूके 0.6% है. चीन 4.2% की दर से बढ़ रहा है. वहीं भारत की सालाना ग्रोथ 6.3% है.

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