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Bajaj Finserv ने दिए एक के बदले 10 शेयर, रॉकेट बना Stock, Zerodha बॉस ने बताई बड़ी बात

बजाज फिनसर्व ने अप्रैल-जून तिमाही जारी करते हुए 1:5 के अनुपात में स्टॉक स्प्लिट करने और 1:1 के अनुपात में बोनस जारी करने का भी ऐलान किया था. दरअसल किसी स्टॉक की वैल्यू ज्यादा होने पर उसमें ट्रेडिंग कम होती है. किसी भी शेयर का भाव ज्यादा रहेगा तो जाहिर है कि उसे कम ही लोग खरीदेंगे. कंपनियां इस स्थिति को दूर करने के लिए स्टॉक को स्प्लिट कर देती हैं.

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स्टॉक स्प्लिट से पहले आई रैली
स्टॉक स्प्लिट से पहले आई रैली

वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी बजाज फिनसर्व (Bajaj Finserv) के शेयर में मंगलवार के कारोबार के दौरान जबरदस्त रैली देखने को मिली. एक समय यह स्टॉक बीएसई (BSE) पर करीब 06 फीसदी की छलांग लगाकर 1846 रुपये तक पहुंच गया था. दरअसल इसका कारण बजाज फिनसर्व के शेयरों के स्प्लिट (Bajaj Finserv Stock Split) और बोनस (Bajaj Finserv Stock Bonus) की तारीख का नजदीक आना है. बजाज फिनसर्व के शेयरों के स्प्लिट और बोनस के लिए 14 सितंबर को रिकॉर्ड डेट तय किया गया है. इससे ठीक एक दिन पहले आज इसी कारण बजाज फिनसर्व के शेयरों की जमकर ट्रेडिंग हुई है.

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स्प्लिट होने के बाद बजाज फिनसर्व का क्या

बजाज फिनसर्व ने अप्रैल-जून तिमाही जारी करते हुए 1:5 के अनुपात में स्टॉक स्प्लिट करने और 1:1 के अनुपात में बोनस जारी करने का भी ऐलान किया था. दरअसल किसी स्टॉक की वैल्यू ज्यादा होने पर उसमें ट्रेडिंग कम होती है. किसी भी शेयर का भाव ज्यादा रहेगा तो जाहिर है कि उसे कम ही लोग खरीदेंगे. कंपनियां इस स्थिति को दूर करने के लिए स्टॉक को स्प्लिट कर देती हैं. उदाहरण के लिए मान लीजिए कि अभी बजाज फिनसर्व के एक शेयर का भाव 1800 रुपये है. अब अगर इसे 1:5 के अनुपात में स्प्लिट किया जाएगा तो एक शेयर की वैल्यू महज 360 रुपये रह जाएगी. वैल्यू कम हो जाने से अब ज्यादा इन्वेस्टर इसे खरीद पाएंगे.

स्टॉक स्प्लिट या बोनस से क्या होता है

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स्टॉक को स्प्लिट करने से कंपनी के मार्केट कैप (Bajaj Finserv MCap) या किसी भी अन्य फंडामेंटल्स पर कोई असर नहीं होता है. इससे बस इतना फर्क पड़ता है कि बाजार में उस शेयर के यूनिट बढ़ जाते हैं और प्रति यूनिट भाव कम हो जाता है. इसी तरह जब कोई कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड (Dividend) देने से बचना चाहती है तो ऐसे में बोनस जारी करने का विकल्प चुना जाता है. इससे भी कंपनी की वैल्यूएशन या फंडामेंटल्स पर कोई असर नहीं होता है.

नितिन कामथ ने दिया ये उदाहरण

डिस्काउंट ब्रोकिंग कंपनी जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामथ (Zerodha Co-Founder Nithin Kamath) ने भी इस बारे में इन्वेस्टर्स को जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि जब कोई कंपनी स्टॉक स्प्लिट करने या बोनस जारी करने का ऐलान करती है तो इन्वेस्टर्स या तो घबरा जाते हैं या उनके मन में लालच आ जाता है. उन्होंने उदाहरण देकर समझाया है कि स्टॉक स्प्लिट करने का मतलब है, अभी आपके पास 100 ग्राम की एक चॉकलेट है और कल से आपके पास 50-50 ग्राम के दो चॉकलेट होंगे.

 

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